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اُحِلَّ لَكُمْ صَيْدُ الْبَحْرِ وَطَعَامُهٗ مَتَاعًا لَّكُمْ وَلِلسَّيَّارَةِ ۚوَحُرِّمَ عَلَيْكُمْ صَيْدُ الْبَرِّ مَا دُمْتُمْ حُرُمًا ۗوَاتَّقُوا اللّٰهَ الَّذِيْٓ اِلَيْهِ تُحْشَرُوْنَ   ( المائدة: ٩٦ )

Is made lawful
أُحِلَّ
हलाल किया गया है
for you
لَكُمْ
तुम्हारे लिए
game
صَيْدُ
शिकार
(of) the sea
ٱلْبَحْرِ
समुन्दर का
and its food
وَطَعَامُهُۥ
और खाना उसका
(as) provision
مَتَٰعًا
फ़ायदामंद है
for you
لَّكُمْ
तुम्हारे लिए
and for the travelers
وَلِلسَّيَّارَةِۖ
और क़ाफ़िले के लिए
and is made unlawful
وَحُرِّمَ
और हराम किया गया
on you
عَلَيْكُمْ
तुम पर
game
صَيْدُ
शिकार
(of) the land
ٱلْبَرِّ
ख़ुश्की का
as
مَا
जब तक हो तुम
long as you
دُمْتُمْ
जब तक हो तुम
(are) in Ihram
حُرُمًاۗ
ऐहराम में
And be conscious
وَٱتَّقُوا۟
और डरो
(of) Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह से
the One
ٱلَّذِىٓ
वो जो
to Him
إِلَيْهِ
तरफ़ उसके
you will be gathered
تُحْشَرُونَ
तुम इकट्ठे किए जाओगे

Ohilla lakum saydu albahri wata'amuhu mata'an lakum walilssayyarati wahurrima 'alaykum saydu albarri ma dumtum huruman waittaqoo Allaha allathee ilayhi tuhsharoona (al-Māʾidah 5:96)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

तुम्हारे लिए जल की शिकार और उसका खाना हलाल है कि तुम उससे फ़ायदा उठाओ और मुसाफ़िर भी। किन्तु थलीय शिकार जब तक तुम इहराम में हो, तुमपर हराम है। और अल्लाह से डरते रहो, जिसकी ओर तुम इकट्ठा होगे

English Sahih:

Lawful to you is game from the sea and its food as provision for you and the travelers, but forbidden to you is game from the land as long as you are in the state of ihram. And fear Allah to whom you will be gathered. ([5] Al-Ma'idah : 96)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

तुम्हारे और काफ़िले के वास्ते दरियाई शिकार और उसका खाना तो (हर हालत में) तुम्हारे वास्ते जायज़ कर दिया है मगर खुश्की का शिकार जब तक तुम हालते एहराम में रहो तुम पर हराम है और उस ख़ुदा से डरते रहो जिसकी तरफ (मरने के बाद) उठाए जाओगे