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يَوْمَ تَشَقَّقُ الْاَرْضُ عَنْهُمْ سِرَاعًا ۗذٰلِكَ حَشْرٌ عَلَيْنَا يَسِيْرٌ   ( ق: ٤٤ )

(The) Day
يَوْمَ
जिस दिन
will split
تَشَقَّقُ
शक़ हो जाएगी
the earth
ٱلْأَرْضُ
ज़मीन
from them
عَنْهُمْ
उनसे
hurrying
سِرَاعًاۚ
तेज़ दौड़ने वाले होंगे
That
ذَٰلِكَ
ये है
(is) a gathering
حَشْرٌ
इकट्ठा करना / हशर
for Us
عَلَيْنَا
हम पर
easy
يَسِيرٌ
बहुत आसान

Yawma tashaqqaqu alardu 'anhum sira'an thalika hashrun 'alayna yaseerun (Q̈āf 50:44)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जिस दिन धरती उनपर से फट जाएगी और वे तेजी से निकल पड़ेंगे। यह इकट्ठा करना हमारे लिए अत्यन्त सरल है

English Sahih:

On the Day the earth breaks away from them [and they emerge] rapidly; that is a gathering easy for Us. ([50] Qaf : 44)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और हमारी ही तरफ फिर कर आना है जिस दिन ज़मीन (उनके ऊपर से) फट जाएगी और ये झट पट निकल खड़े होंगे ये उठाना और जमा करना