وَمَا لَكُمْ اَلَّا تُنْفِقُوْا فِيْ سَبِيْلِ اللّٰهِ وَلِلّٰهِ مِيْرَاثُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِۗ لَا يَسْتَوِيْ مِنْكُمْ مَّنْ اَنْفَقَ مِنْ قَبْلِ الْفَتْحِ وَقَاتَلَۗ اُولٰۤىِٕكَ اَعْظَمُ دَرَجَةً مِّنَ الَّذِيْنَ اَنْفَقُوْا مِنْۢ بَعْدُ وَقَاتَلُوْاۗ وَكُلًّا وَّعَدَ اللّٰهُ الْحُسْنٰىۗ وَاللّٰهُ بِمَا تَعْمَلُوْنَ خَبِيْرٌ ࣖ ( الحديد: ١٠ )
Wama lakum alla tunfiqoo fee sabeeli Allahi walillahi meerathu alssamawati waalardi la yastawee minkum man anfaqa min qabli alfathi waqatala olaika a'thamu darajatan mina allatheena anfaqoo min ba'du waqataloo wakullan wa'ada Allahu alhusna waAllahu bima ta'maloona khabeerun (al-Ḥadīd 57:10)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और तुम्हें क्यो हुआ है कि तुम अल्लाह के मार्ग में ख़र्च न करो, हालाँकि आकाशों और धरती की विरासत अल्लाह ही के लिए है? तुममें से जिन लोगों ने विजय से पूर्व ख़र्च किया और लड़े वे परस्पर एक-दूसरे के समान नहीं है। वे तो दरजे में उनसे बढ़कर है जिन्होंने बाद में ख़र्च किया और लड़े। यद्यपि अल्लाह ने प्रत्येक से अच्छा वादा किया है। अल्लाह उसकी ख़बर रखता है, जो कुछ तुम करते हो
English Sahih:
And why do you not spend in the cause of Allah while to Allah belongs the heritage of the heavens and the earth? Not equal among you are those who spent before the conquest [of Makkah] and fought [and those who did so after it]. Those are greater in degree than they who spent afterwards and fought. But to all Allah has promised the best [reward]. And Allah, of what you do, is Aware. ([57] Al-Hadid : 10)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और तुमको क्या हो गया कि (अपना माल) ख़ुदा की राह में ख़र्च नहीं करते हालॉकि सारे आसमान व ज़मीन का मालिक व वारिस ख़ुदा ही है तुममें से जिस शख़्श ने फतेह (मक्का) से पहले (अपना माल) ख़र्च किया और जेहाद किया (और जिसने बाद में किया) वह बराबर नहीं उनका दर्जा उन लोगों से कहीं बढ़ कर है जिन्होंने बाद में ख़र्च किया और जेहाद किया और (यूँ तो) ख़ुदा ने नेकी और सवाब का वायदा तो सबसे किया है और जो कुछ तुम करते हो ख़ुदा उससे ख़ूब वाक़िफ़ है