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ۨالَّذِيْنَ يَبْخَلُوْنَ وَيَأْمُرُوْنَ النَّاسَ بِالْبُخْلِ ۗوَمَنْ يَّتَوَلَّ فَاِنَّ اللّٰهَ هُوَ الْغَنِيُّ الْحَمِيْدُ   ( الحديد: ٢٤ )

Those who
ٱلَّذِينَ
वो लोग जो
are stingy
يَبْخَلُونَ
बुख़्ल करते हैं
and enjoin
وَيَأْمُرُونَ
और वो हुक्म देते हैं
(on) the people
ٱلنَّاسَ
लोगों को
stinginess
بِٱلْبُخْلِۗ
बुख़्ल का
And whoever
وَمَن
और जो कोई
turns away
يَتَوَلَّ
मुँह फेरता है
then indeed
فَإِنَّ
तो बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
He
هُوَ
वो ही है
(is) Free of need
ٱلْغَنِىُّ
बहुत बेनियाज़
the Praiseworthy
ٱلْحَمِيدُ
ख़ूब तारीफ़ वाला

Allatheena yabkhaloona wayamuroona alnnasa bialbukhli waman yatawalla fainna Allaha huwa alghaniyyu alhameedu (al-Ḥadīd 57:24)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जो स्वयं कंजूसी करते है और लोगों को भी कंजूसी करने पर उकसाते है, और जो कोई मुँह मोड़े तो अल्लाह तो निस्पृह प्रशंसनीय है

English Sahih:

[Those] who are stingy and enjoin upon people stinginess. And whoever turns away – then indeed, Allah is the Free of need, the Praiseworthy. ([57] Al-Hadid : 24)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

जो ख़ुद भी बुख्ल करते हैं और दूसरे लोगों को भी बुख्ल करना सिखाते हैं और जो शख़्श (इन बातों से) रूगरदानी करे तो ख़ुदा भी बेपरवा सज़ावारे हम्दोसना है