يُوْلِجُ الَّيْلَ فِى النَّهَارِ وَيُوْلِجُ النَّهَارَ فِى الَّيْلِۗ وَهُوَ عَلِيْمٌ ۢبِذَاتِ الصُّدُوْرِ ( الحديد: ٦ )
He merges
يُولِجُ
वो दाख़िल करता है
the night
ٱلَّيْلَ
रात को
into
فِى
दिन में
the day
ٱلنَّهَارِ
दिन में
and He merges
وَيُولِجُ
और वो दाख़िल करता है
the day
ٱلنَّهَارَ
दिन को
into
فِى
रात में
the night
ٱلَّيْلِۚ
रात में
and He
وَهُوَ
और वो
(is) All-Knower
عَلِيمٌۢ
ख़ूब जानने वाला है
of what is in the breasts
بِذَاتِ
सीनों वाले (भेद)
of what is in the breasts
ٱلصُّدُورِ
सीनों वाले (भेद)
Yooliju allayla fee alnnahari wayooliju alnnahara fee allayi wahuwa 'aleemun bithati alssudoori (al-Ḥadīd 57:6)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
वह रात को दिन में प्रविष्ट कराता है और दिन को रात में प्रविष्ट कराता है। वह सीनों में छिपी बात तक को जानता है
English Sahih:
He causes the night to enter the day and causes the day to enter the night, and He is Knowing of that within the breasts. ([57] Al-Hadid : 6)