لَا يُقَاتِلُوْنَكُمْ جَمِيْعًا اِلَّا فِيْ قُرًى مُّحَصَّنَةٍ اَوْ مِنْ وَّرَاۤءِ جُدُرٍۗ بَأْسُهُمْ بَيْنَهُمْ شَدِيْدٌ ۗ تَحْسَبُهُمْ جَمِيْعًا وَّقُلُوْبُهُمْ شَتّٰىۗ ذٰلِكَ بِاَنَّهُمْ قَوْمٌ لَّا يَعْقِلُوْنَۚ ( الحشر: ١٤ )
La yuqatiloonakum jamee'an illa fee quran muhassanatin aw min warai judurin basuhum baynahum shadeedun tahsabuhum jamee'an waquloobuhum shatta thalika biannahum qawmun la ya'qiloona (al-Ḥašr 59:14)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
वे इकट्ठे होकर भी तुमसे (खुले मैदान में) नहीं लड़ेगे, क़िलाबन्द बस्तियों या दीवारों के पीछ हों तो यह और बात है। उनकी आपस में सख़्त लड़ाई है। तुम उन्हें इकट्ठा समझते हो! हालाँकि उनके दिल फटे हुए है। यह इसलिए कि वे ऐसे लोग है जो बुद्धि से काम नहीं लेते
English Sahih:
They will not fight you all except within fortified cities or from behind walls. Their violence [i.e., enmity] among themselves is severe. You think they are together, but their hearts are diverse. That is because they are a people who do not reason. ([59] Al-Hashr : 14)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
ये सब के सब मिलकर भी तुमसे नहीं लड़ सकते, मगर हर तरफ से महफूज़ बस्तियों में या (शहर पनाह की) दीवारों की आड़ में इनकी आपस में तो बड़ी धाक है कि तुम ख्याल करोगे कि सब के सब (एक जान) हैं मगर उनके दिल एक दूसरे से फटे हुए हैं ये इस वजह से कि ये लोग बेअक्ल हैं