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وَهُمْ يَنْهَوْنَ عَنْهُ وَيَنْـَٔوْنَ عَنْهُ ۚوَاِنْ يُّهْلِكُوْنَ اِلَّآ اَنْفُسَهُمْ وَمَا يَشْعُرُوْنَ   ( الأنعام: ٢٦ )

And they
وَهُمْ
और वो
forbid (others)
يَنْهَوْنَ
वो रोकते हैं
from it
عَنْهُ
उससे
and they keep away
وَيَنْـَٔوْنَ
और वो दूर रहते हैं
from it
عَنْهُۖ
उससे
And not
وَإِن
और नहीं
they destroy
يُهْلِكُونَ
वो हलाक करते
except
إِلَّآ
मगर
themselves
أَنفُسَهُمْ
अपने नफ़्सों को
and not
وَمَا
और नहीं
they perceive
يَشْعُرُونَ
वो शऊर रखते

Wahum yanhawna 'anhu wayanawna 'anhu wain yuhlikoona illa anfusahum wama yash'uroona (al-ʾAnʿām 6:26)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और वे उससे दूसरों को रोकते है और स्वयं भी उससे दूर रहते है। वे तो बस अपने आपको ही विनष्ट कर रहे है, किन्तु उन्हें इसका एहसास नहीं

English Sahih:

And they prevent [others] from him and are [themselves] remote from him. And they do not destroy except themselves, but they perceive [it] not. ([6] Al-An'am : 26)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और ये लोग (दूसरों को भी) उस के (सुनने से) से रोकते हैं और ख़ुद तो अलग थलग रहते ही हैं और (इन बातों से) बस आप ही अपने को हलाक करते हैं और (अफसोस) समझते नहीं