قُلْ لَّآ اَقُوْلُ لَكُمْ عِنْدِيْ خَزَاۤىِٕنُ اللّٰهِ وَلَآ اَعْلَمُ الْغَيْبَ وَلَآ اَقُوْلُ لَكُمْ اِنِّيْ مَلَكٌۚ اِنْ اَتَّبِعُ اِلَّا مَا يُوْحٰٓى اِلَيَّۗ قُلْ هَلْ يَسْتَوِى الْاَعْمٰى وَالْبَصِيْرُۗ اَفَلَا تَتَفَكَّرُوْنَ ࣖ ( الأنعام: ٥٠ )
Qul la aqoolu lakum 'indee khazainu Allahi wala a'lamu alghayba wala aqoolu lakum innee malakun in attabi'u illa ma yooha ilayya qul hal yastawee ala'ma waalbaseeru afala tatafakkaroona (al-ʾAnʿām 6:50)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
कह दो, 'मैं तुमसे यह नहीं कहता कि मेरे पास अल्लाह के ख़ज़ाने है, और न मैं परोक्ष का ज्ञान रखता हूँ, और न मैं तुमसे कहता हूँ कि मैं कोई फ़रिश्ता हूँ। मैं तो बस उसी का अनुपालन करता हूँ जो मेरी ओर वह्यं की जाती है।' कहो, 'क्या अंधा और आँखोंवाला दोनों बराबर हो जाएँगे? क्या तुम सोच-विचार से काम नहीं लेते?'
English Sahih:
Say, [O Muhammad], "I do not tell you that I have the depositories [containing the provision] of Allah or that I know the unseen, nor do I tell you that I am an angel. I only follow what is revealed to me." Say, "Is the blind equivalent to the seeing? Then will you not give thought?" ([6] Al-An'am : 50)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(ऐ रसूल) उनसे कह दो कि मै तो ये नहीं कहता कि मेरे पास ख़ुदा के ख़ज़ाने हैं (कि ईमान लाने पर दे दूंगा) और न मै गैब के (कुल हालात) जानता हूँ और न मै तुमसे ये कहता हूँ कि मै फरिश्ता हूँ मै तो बस जो (ख़ुदा की तरफ से) मेरे पास वही की जाती है उसी का पाबन्द हूँ (उनसे पूछो तो) कि अन्धा और ऑंख वाला बराबर हो सकता है तो क्या तुम (इतना भी) नहीं सोचते