وَهُوَ الَّذِيْٓ اَنْشَاَكُمْ مِّنْ نَّفْسٍ وَّاحِدَةٍ فَمُسْتَقَرٌّ وَّمُسْتَوْدَعٌ ۗقَدْ فَصَّلْنَا الْاٰيٰتِ لِقَوْمٍ يَّفْقَهُوْنَ ( الأنعام: ٩٨ )
And He
وَهُوَ
और वो ही है
(is) the One Who
ٱلَّذِىٓ
जिसने
(has) produced you
أَنشَأَكُم
पैदा किया तुम्हें
from
مِّن
एक जान से
a soul
نَّفْسٍ
एक जान से
single
وَٰحِدَةٍ
एक जान से
so (there is) a place of dwelling
فَمُسْتَقَرٌّ
फिर एक रहने की जगह
and a resting place
وَمُسْتَوْدَعٌۗ
और एक सुपुर्द किए जाने की जगह है
Certainly
قَدْ
तहक़ीक़
We have made clear
فَصَّلْنَا
खोल कर बयान कर दीं हमने
the Signs
ٱلْءَايَٰتِ
आयात
for a people
لِقَوْمٍ
उन लोगों के लिए
(who) understand
يَفْقَهُونَ
जो समझते हों
Wahuwa allathee anshaakum min nafsin wahidatin famustaqarrun wamustawda'un qad fassalna alayati liqawmin yafqahoona (al-ʾAnʿām 6:98)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और वही तो है, जिसने तुम्हें अकेली जान पैदा किया। अतः एक अवधि तक ठहरना है और फिर सौंप देना है। उन लोगों के लिए, जो समझे हमने निशानियाँ खोल-खोलकर बयान कर दी है
English Sahih:
And it is He who produced you from one soul and [gave you] a place of dwelling and of storage. We have detailed the signs for a people who understand. ([6] Al-An'am : 98)