Skip to main content

يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا لَا تُلْهِكُمْ اَمْوَالُكُمْ وَلَآ اَوْلَادُكُمْ عَنْ ذِكْرِ اللّٰهِ ۚوَمَنْ يَّفْعَلْ ذٰلِكَ فَاُولٰۤىِٕكَ هُمُ الْخٰسِرُوْنَ   ( المنافقون: ٩ )

O!
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगो जो
you (who)!
ٱلَّذِينَ
ऐ लोगो जो
believe!
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए हो
(Let) not
لَا
ना ग़ाफ़िल करे तुम्हें
divert you
تُلْهِكُمْ
ना ग़ाफ़िल करे तुम्हें
your wealth
أَمْوَٰلُكُمْ
माल तुम्हारे
and not
وَلَآ
और ना
your children
أَوْلَٰدُكُمْ
औलाद तुम्हारी
from
عَن
अल्लाह के ज़िक्र से
(the) remembrance
ذِكْرِ
अल्लाह के ज़िक्र से
(of) Allah
ٱللَّهِۚ
अल्लाह के ज़िक्र से
And whoever
وَمَن
और जो कोई
does
يَفْعَلْ
करेगा
that
ذَٰلِكَ
ऐसा
then those
فَأُو۟لَٰٓئِكَ
तो यही लोग हैं
[they]
هُمُ
वो
(are) the losers
ٱلْخَٰسِرُونَ
जो ख़सारा पाने वाले हैं

Ya ayyuha allatheena amanoo la tulhikum amwalukum wala awladukum 'an thikri Allahi waman yaf'al thalika faolaika humu alkhasiroona (al-Munāfiq̈ūn 63:9)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

ऐ ईमान लानेवालो! तुम्हारे माल तुम्हें अल्लाह की याद से ग़ाफ़िल न कर दें और न तुम्हारी सन्तान ही। जो कोई ऐसा करे तो ऐसे ही लोग घाटे में रहनेवाले है

English Sahih:

O you who have believed, let not your wealth and your children divert you from the remembrance of Allah. And whoever does that – then those are the losers. ([63] Al-Munafiqun : 9)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ऐ ईमानदारों तुम्हारे माल और तुम्हारी औलाद तुमको ख़ुदा की याद से ग़ाफिल न करे और जो ऐसा करेगा तो वही लोग घाटे में रहेंगे