رَّسُوْلًا يَّتْلُوْا عَلَيْكُمْ اٰيٰتِ اللّٰهِ مُبَيِّنٰتٍ لِّيُخْرِجَ الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ مِنَ الظُّلُمٰتِ اِلَى النُّوْرِۗ وَمَنْ يُّؤْمِنْۢ بِاللّٰهِ وَيَعْمَلْ صَالِحًا يُّدْخِلْهُ جَنّٰتٍ تَجْرِيْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ خٰلِدِيْنَ فِيْهَآ اَبَدًاۗ قَدْ اَحْسَنَ اللّٰهُ لَهٗ رِزْقًا ( الطلاق: ١١ )
Rasoolan yatloo 'alaykum ayati Allahi mubayyinatin liyukhrija allatheena amanoo wa'amiloo alssalihati mina alththulumati ila alnnoori waman yumin biAllahi waya'mal salihan yudkhilhu jannatin tajree min tahtiha alanharu khalideena feeha abadan qad ahsana Allahu lahu rizqan (aṭ-Ṭalāq̈ 65:11)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
(अर्थात) एक रसूल जो तुम्हें अल्लाह की स्पष्ट आयतें पढ़कर सुनाता है, ताकि वह उन लोगों को, जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए, अँधेरों से निकालकर प्रकाश की ओर ले आए। जो कोई अल्लाह पर ईमान लाए और अच्छा कर्म करे, उसे वह ऐसे बाग़़ों में दाख़िल करेगा जिनके नीचे नहरें बह रही होगी - ऐसे लोग उनमें सदैव रहेंगे - अल्लाह ने उनके लिए उत्तम रोज़ी रखी है
English Sahih:
[He sent] a Messenger [i.e., Muhammad (^)] reciting to you the distinct verses of Allah that He may bring out those who believe and do righteous deeds from darknesses into the light. And whoever believes in Allah and does righteousness – He will admit him into gardens beneath which rivers flow to abide therein forever. Allah will have perfected for him a provision. ([65] At-Talaq : 11)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
जो तुम्हारे सामने वाज़ेए आयतें पढ़ता है ताकि जो लोग ईमान लाए और अच्छे अच्छे काम करते रहे उनको (कुफ़्र की) तारिक़ियों से ईमान की रौशनी की तरफ़ निकाल लाए और जो ख़ुदा पर ईमान लाए और अच्छे अच्छे काम करे तो ख़ुदा उसको (बेहिश्त के) उन बाग़ों में दाखिल करेगा जिनके नीचे नहरें जारी हैं और वह उसमें अबादुल आबाद तक रहेंगे ख़ुदा ने उनको अच्छी अच्छी रोज़ी दी है