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رَّسُوْلًا يَّتْلُوْا عَلَيْكُمْ اٰيٰتِ اللّٰهِ مُبَيِّنٰتٍ لِّيُخْرِجَ الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ مِنَ الظُّلُمٰتِ اِلَى النُّوْرِۗ وَمَنْ يُّؤْمِنْۢ بِاللّٰهِ وَيَعْمَلْ صَالِحًا يُّدْخِلْهُ جَنّٰتٍ تَجْرِيْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ خٰلِدِيْنَ فِيْهَآ اَبَدًاۗ قَدْ اَحْسَنَ اللّٰهُ لَهٗ رِزْقًا   ( الطلاق: ١١ )

A Messenger
رَّسُولًا
एक रसूल
reciting
يَتْلُوا۟
जो तिलावत करता है
to you
عَلَيْكُمْ
तुम पर
(the) Verses
ءَايَٰتِ
आयात
(of) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह की
clear
مُبَيِّنَٰتٍ
वाज़ेह
that he may bring out
لِّيُخْرِجَ
ताकि वो निकाले
those who
ٱلَّذِينَ
उन लोगों को जो
believe
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
and do
وَعَمِلُوا۟
और उन्होंने अमल किए
righteous deeds
ٱلصَّٰلِحَٰتِ
नेक
from
مِنَ
अंधेरों से
the darkness[es]
ٱلظُّلُمَٰتِ
अंधेरों से
towards
إِلَى
तरफ़ नूर के
the light
ٱلنُّورِۚ
तरफ़ नूर के
And whoever
وَمَن
और जो कोई
believes
يُؤْمِنۢ
ईमान लाए
in Allah
بِٱللَّهِ
अल्लाह पर
and does
وَيَعْمَلْ
और वो अमल करे
righteousness
صَٰلِحًا
नेक
He will admit him
يُدْخِلْهُ
वो दाख़िल करेगा उसे
(into) Gardens
جَنَّٰتٍ
बाग़ात में
flow
تَجْرِى
बहती हैं
from
مِن
उनके नीचे से
underneath it
تَحْتِهَا
उनके नीचे से
the rivers
ٱلْأَنْهَٰرُ
नहरें
abiding
خَٰلِدِينَ
हमेशा रहने वाले हैं
therein
فِيهَآ
उनमें
forever
أَبَدًاۖ
हमेशा-हमेशा
Indeed
قَدْ
तहक़ीक़
Has been (granted) good
أَحْسَنَ
अच्छा दिया
(by) Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
for him
لَهُۥ
उसे
provision
رِزْقًا
रिज़्क़

Rasoolan yatloo 'alaykum ayati Allahi mubayyinatin liyukhrija allatheena amanoo wa'amiloo alssalihati mina alththulumati ila alnnoori waman yumin biAllahi waya'mal salihan yudkhilhu jannatin tajree min tahtiha alanharu khalideena feeha abadan qad ahsana Allahu lahu rizqan (aṭ-Ṭalāq̈ 65:11)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

(अर्थात) एक रसूल जो तुम्हें अल्लाह की स्पष्ट आयतें पढ़कर सुनाता है, ताकि वह उन लोगों को, जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए, अँधेरों से निकालकर प्रकाश की ओर ले आए। जो कोई अल्लाह पर ईमान लाए और अच्छा कर्म करे, उसे वह ऐसे बाग़़ों में दाख़िल करेगा जिनके नीचे नहरें बह रही होगी - ऐसे लोग उनमें सदैव रहेंगे - अल्लाह ने उनके लिए उत्तम रोज़ी रखी है

English Sahih:

[He sent] a Messenger [i.e., Muhammad (^)] reciting to you the distinct verses of Allah that He may bring out those who believe and do righteous deeds from darknesses into the light. And whoever believes in Allah and does righteousness – He will admit him into gardens beneath which rivers flow to abide therein forever. Allah will have perfected for him a provision. ([65] At-Talaq : 11)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

जो तुम्हारे सामने वाज़ेए आयतें पढ़ता है ताकि जो लोग ईमान लाए और अच्छे अच्छे काम करते रहे उनको (कुफ़्र की) तारिक़ियों से ईमान की रौशनी की तरफ़ निकाल लाए और जो ख़ुदा पर ईमान लाए और अच्छे अच्छे काम करे तो ख़ुदा उसको (बेहिश्त के) उन बाग़ों में दाखिल करेगा जिनके नीचे नहरें जारी हैं और वह उसमें अबादुल आबाद तक रहेंगे ख़ुदा ने उनको अच्छी अच्छी रोज़ी दी है