चाहिए कि समाई (सामर्थ्य) वाला अपनी समाई के अनुसार ख़र्च करे और जिसे उसकी रोज़ी नपी-तुली मिली हो तो उसे चाहिए कि अल्लाह ने उसे जो कुछ भी दिया है उसी में से वह ख़र्च करे। जितना कुछ दिया है उससे बढ़कर अल्लाह किसी व्यक्ति पर ज़िम्मेदारी का बोझ नहीं डालता। जल्द ही अल्लाह कठिनाई के बाद आसानी पैदा कर देगा
English Sahih:
Let a man of wealth spend from his wealth, and he whose provision is restricted – let him spend from what Allah has given him. Allah does not charge a soul except [according to] what He has given it. Allah will bring about, after hardship, ease [i.e., relief]. ([65] At-Talaq : 7)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
गुन्जाइश वाले को अपनी गुन्जाइश के मुताबिक़ ख़र्च करना चाहिए और जिसकी रोज़ी तंग हो वह जितना ख़ुदा ने उसे दिया है उसमें से खर्च करे ख़ुदा ने जिसको जितना दिया है बस उसी के मुताबिक़ तकलीफ़ दिया करता है ख़ुदा अनकरीब ही तंगी के बाद फ़राख़ी अता करेगा
2 Azizul-Haqq Al-Umary
चाहिये कि सम्पन्न, ख़र्च दे अपनी कमाई के अनुसार और तंग हो जिसपर उसकी जीविका, उसे चाहिये कि ख़र्च दे उसमें से, जो दिया है उसे अल्लाह ने। अल्लाह भार नहीं रखता किसी प्राणी पर, परन्तु उतना ही, जो उसे दिया है। शीघ्र ही कर देगा अल्लाह तंगी के पश्चात् सुविधा।