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لِيُنْفِقْ ذُوْ سَعَةٍ مِّنْ سَعَتِهٖۗ وَمَنْ قُدِرَ عَلَيْهِ رِزْقُهٗ فَلْيُنْفِقْ مِمَّآ اٰتٰىهُ اللّٰهُ ۗ لَا يُكَلِّفُ اللّٰهُ نَفْسًا اِلَّا مَآ اٰتٰىهَاۗ سَيَجْعَلُ اللّٰهُ بَعْدَ عُسْرٍ يُّسْرًا ࣖ   ( الطلاق: ٧ )

Let spend
لِيُنفِقْ
ताकि ख़र्च करे
owner
ذُو
वुसअत वाला
(of) ample means
سَعَةٍ
वुसअत वाला
from
مِّن
अपनी वुसअत में से
his ample means
سَعَتِهِۦۖ
अपनी वुसअत में से
and (he) who
وَمَن
और जो कोई
is restricted
قُدِرَ
तंग किया गया
on him
عَلَيْهِ
उस पर
his provision
رِزْقُهُۥ
रिज़्क़ उसका
let him spend
فَلْيُنفِقْ
पस चाहिए कि वो ख़र्च करे
from what
مِمَّآ
उसमें से जो
he has been given
ءَاتَىٰهُ
दिया है उसे
(by) Allah
ٱللَّهُۚ
अल्लाह ने
Does not
لَا
नहीं तक्लीफ़ देता
burden
يُكَلِّفُ
नहीं तक्लीफ़ देता
Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह
any soul
نَفْسًا
किसी नफ़्स को
except
إِلَّا
मगर
(with) what
مَآ
जितना
He has given it
ءَاتَىٰهَاۚ
उसने दिया उसे
Will bring about
سَيَجْعَلُ
अनक़रीब कर देगा
Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह
after
بَعْدَ
बाद
hardship
عُسْرٍ
तंगी के
ease
يُسْرًا
आसानी

Liyunfiq thoo sa'atin min sa'atihi waman qudira 'alayhi rizquhu falyunfiq mimma atahu Allahu la yukallifu Allahu nafsan illa ma ataha sayaj'alu Allahu ba'da 'usrin yusran (aṭ-Ṭalāq̈ 65:7)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

चाहिए कि समाई (सामर्थ्य) वाला अपनी समाई के अनुसार ख़र्च करे और जिसे उसकी रोज़ी नपी-तुली मिली हो तो उसे चाहिए कि अल्लाह ने उसे जो कुछ भी दिया है उसी में से वह ख़र्च करे। जितना कुछ दिया है उससे बढ़कर अल्लाह किसी व्यक्ति पर ज़िम्मेदारी का बोझ नहीं डालता। जल्द ही अल्लाह कठिनाई के बाद आसानी पैदा कर देगा

English Sahih:

Let a man of wealth spend from his wealth, and he whose provision is restricted – let him spend from what Allah has given him. Allah does not charge a soul except [according to] what He has given it. Allah will bring about, after hardship, ease [i.e., relief]. ([65] At-Talaq : 7)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

गुन्जाइश वाले को अपनी गुन्जाइश के मुताबिक़ ख़र्च करना चाहिए और जिसकी रोज़ी तंग हो वह जितना ख़ुदा ने उसे दिया है उसमें से खर्च करे ख़ुदा ने जिसको जितना दिया है बस उसी के मुताबिक़ तकलीफ़ दिया करता है ख़ुदा अनकरीब ही तंगी के बाद फ़राख़ी अता करेगा