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يٰٓاَيُّهَا النَّبِيُّ لِمَ تُحَرِّمُ مَآ اَحَلَّ اللّٰهُ لَكَۚ تَبْتَغِيْ مَرْضَاتَ اَزْوَاجِكَۗ وَاللّٰهُ غَفُوْرٌ رَّحِيْمٌ   ( التحريم: ١ )

O!
يَٰٓأَيُّهَا
Prophet!
ٱلنَّبِىُّ
नबी
Why (do)
لِمَ
क्यों
you prohibit
تُحَرِّمُ
आप हराम करते हैं
what
مَآ
उसको जो
has made lawful
أَحَلَّ
हलाल किया
Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
for you
لَكَۖ
आपके लिए
seeking
تَبْتَغِى
आप चाहते हैं
(to) please
مَرْضَاتَ
रज़ामन्दी
your wives?
أَزْوَٰجِكَۚ
अपनी बीवियों की
And Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
(is) Oft-Forgiving
غَفُورٌ
बहुत बख़्शने वाला है
Most Merciful
رَّحِيمٌ
निहायत रहम करने वाला है

Ya ayyuha alnnabiyyu lima tuharrimu ma ahalla Allahu laka tabtaghee mardata azwajika waAllahu ghafoorun raheemun (at-Taḥrīm 66:1)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

ऐ नबी! जिस चीज़ को अल्लाह ने तुम्हारे लिए वैध ठहराया है उसे तुम अपनी पत्नियों की प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए क्यो अवैध करते हो? अल्लाह बड़ा क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है

English Sahih:

O Prophet, why do you prohibit [yourself from] what Allah has made lawful for you, seeking the approval of your wives? And Allah is Forgiving and Merciful. ([66] At-Tahrim : 1)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ऐ रसूल जो चीज़ ख़ुदा ने तुम्हारे लिए हलाल की है तुम उससे अपनी बीवियों की ख़ुशनूदी के लिए क्यों किनारा कशी करो और ख़ुदा तो बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है