فَلَمَّا رَاَوْهُ زُلْفَةً سِيْۤـَٔتْ وُجُوْهُ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا وَقِيْلَ هٰذَا الَّذِيْ كُنْتُمْ بِهٖ تَدَّعُوْنَ ( الملك: ٢٧ )
But when
فَلَمَّا
फिर जब
they (will) see it
رَأَوْهُ
वो देख लेंगे उसे
approaching
زُلْفَةً
नज़दीक
(will be) distressed
سِيٓـَٔتْ
बिगड़ जाऐंगे
(the) faces
وُجُوهُ
चेहरे
(of) those who
ٱلَّذِينَ
उनके जिन्होंने
disbelieved
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
and it will be said
وَقِيلَ
और कह दिया जाएगा
"This
هَٰذَا
ये है
(is) that which
ٱلَّذِى
वो जो
you used (to)
كُنتُم
थे तुम
for it
بِهِۦ
जिसको
call"
تَدَّعُونَ
तुम माँगा करते
Falamma raawhu zulfatan seeat wujoohu allatheena kafaroo waqeela hatha allathee kuntum bihi tadda'oona (al-Mulk 67:27)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
फिर जब वे उसे निकट देखेंगे तो उन लोगों के चेहरे बिगड़ जाएँगे जिन्होंने इनकार की नीति अपनाई; और कहा जाएगा, 'यही है वह चीज़ जिसकी तुम माँग कर रहे थे।'
English Sahih:
But when they see it approaching, the faces of those who disbelieve will be distressed, and it will be said, "This is that for which you used to call." ([67] Al-Mulk : 27)