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فَذَرْنِيْ وَمَنْ يُّكَذِّبُ بِهٰذَا الْحَدِيْثِۗ سَنَسْتَدْرِجُهُمْ مِّنْ حَيْثُ لَا يَعْلَمُوْنَۙ  ( القلم: ٤٤ )

So leave Me
فَذَرْنِى
पस छोड़ दो मुझे
and whoever
وَمَن
और उसे जो
denies
يُكَذِّبُ
झुठलाता है
this
بِهَٰذَا
इस
Statement
ٱلْحَدِيثِۖ
बात को
We will progressively lead them
سَنَسْتَدْرِجُهُم
अनक़रीब हम आहिसता-आहिसता ले जाऐंगे उन्हें
from
مِّنْ
जहाँ से
where
حَيْثُ
जहाँ से
not
لَا
ना वो जानते होंगे
they know
يَعْلَمُونَ
ना वो जानते होंगे

Fatharnee waman yukaththibu bihatha alhadeethi sanastadrijuhum min haythu la ya'lamoona (al-Q̈alam 68:44)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

अतः तुम मुझे छोड़ दो और उसको जो इस वाणी को झुठलाता है। हम ऐसों को क्रमशः (विनाश की ओर) ले जाएँगे, ऐसे तरीक़े से कि वे नहीं जानते

English Sahih:

So leave Me, [O Muhammad], with [the matter of] whoever denies this statement [i.e., the Quran]. We will progressively lead them [to punishment] from where they do not know. ([68] Al-Qalam : 44)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

तो मुझे उस कलाम के झुठलाने वाले से समझ लेने दो हम उनको आहिस्ता आहिस्ता इस तरह पकड़ लेंगे कि उनको ख़बर भी न होगी