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خُذِ الْعَفْوَ وَأْمُرْ بِالْعُرْفِ وَاَعْرِضْ عَنِ الْجَاهِلِيْنَ  ( الأعراف: ١٩٩ )

Hold
خُذِ
इख़्तियार कीजिए
(to) forgiveness
ٱلْعَفْوَ
दरगुज़र को
and enjoin
وَأْمُرْ
और हुक्म दीजिए
the good
بِٱلْعُرْفِ
नेकी का
and turn away
وَأَعْرِضْ
और ऐराज़ कीजिए
from
عَنِ
जाहिलों से
the ignorant
ٱلْجَٰهِلِينَ
जाहिलों से

Khuthi al'afwa wamur bial'urfi waa'rid 'ani aljahileena (al-ʾAʿrāf 7:199)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

क्षमा की नीति अपनाओ और भलाई का हुक्म देते रहो और अज्ञानियों से किनारा खींचो

English Sahih:

Take what is given freely, enjoin what is good, and turn away from the ignorant. ([7] Al-A'raf : 199)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ऐ रसूल) तुम दरगुज़र करना एख्तियार करो और अच्छे काम का हुक्म दो और जाहिलों की तरफ से मुह फेर लो