وَاِلٰى مَدْيَنَ اَخَاهُمْ شُعَيْبًاۗ قَالَ يٰقَوْمِ اعْبُدُوا اللّٰهَ مَا لَكُمْ مِّنْ اِلٰهٍ غَيْرُهٗۗ قَدْ جَاۤءَتْكُمْ بَيِّنَةٌ مِّنْ رَّبِّكُمْ فَاَوْفُوا الْكَيْلَ وَالْمِيْزَانَ وَلَا تَبْخَسُوا النَّاسَ اَشْيَاۤءَهُمْ وَلَا تُفْسِدُوْا فِى الْاَرْضِ بَعْدَ اِصْلَاحِهَاۗ ذٰلِكُمْ خَيْرٌ لَّكُمْ اِنْ كُنْتُمْ مُّؤْمِنِيْنَۚ ( الأعراف: ٨٥ )
Waila madyana akhahum shu'ayban qala ya qawmi o'budoo Allaha ma lakum min ilahin ghayruhu qad jaatkum bayyinatun min rabbikum faawfoo alkayla waalmeezana wala tabkhasoo alnnasa ashyaahum wala tufsidoo fee alardi ba'da islahiha thalikum khayrun lakum in kuntum mumineena (al-ʾAʿrāf 7:85)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और मदयनवालों की ओर हमने उनके भाई शुऐब को भेजा। उसने कहा, 'ऐ मेरी क़ौम के लोगों! अल्लाह की बन्दगी करो। उसके अतिरिक्त तुम्हारा कोई पूज्य नहीं। तुम्हारे पास तुम्हारे रब की ओर से एक स्पष्ट प्रमाण आ चुका है। तो तुम नाप और तौल पूरी-पूरी करो, और लोगों को उनकी चीज़ों में घाटा न दो, और धरती में उसकी सुधार के पश्चात बिगाड़ पैदा न करो। यही तुम्हारे लिए अच्छा है, यदि तुम ईमानवाले हो
English Sahih:
And to [the people of] Madyan [We sent] their brother Shuaib. He said, "O my people, worship Allah; you have no deity other than Him. There has come to you clear evidence from your Lord. So fulfill the measure and weight and do not deprive people of their due and cause not corruption upon the earth after its reformation. That is better for you, if you should be believers. ([7] Al-A'raf : 85)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और (हमने) मदयन (वालों के) पास उनके भाई शुएब को (रसूल बनाकर भेजा) तो उन्होंने (उन लोगों से) कहा ऐ मेरी क़ौम ख़ुदा ही की इबादत करो उसके सिवा कोई दूसरा माबूद नहीं (और) तुम्हारे पास तो तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से एक वाजेए व रौशन मौजिज़ा (भी) आ चुका तो नाप और तौल पूरी किया करो और लोगों को उनकी (ख़रीदी हुई) चीज़ में कम न दिया करो और ज़मीन में उसकी असलाह व दुरूस्ती के बाद फसाद न करते फिरो अगर तुम सच्चे ईमानदार हो तो यही तुम्हारे हक़ में बेहतर है