قُلْ اُوْحِيَ اِلَيَّ اَنَّهُ اسْتَمَعَ نَفَرٌ مِّنَ الْجِنِّ فَقَالُوْٓا اِنَّا سَمِعْنَا قُرْاٰنًا عَجَبًاۙ ( الجن: ١ )
Say
قُلْ
कह दीजिए
"It has been revealed
أُوحِىَ
वही की गई
to me
إِلَىَّ
मेरी तरफ़
that
أَنَّهُ
बेशक वो
listened
ٱسْتَمَعَ
ग़ौर से सुना
a group
نَفَرٌ
एक गिरोह ने
of
مِّنَ
जिन्नों में से
the jinn
ٱلْجِنِّ
जिन्नों में से
and they said
فَقَالُوٓا۟
तो उन्होंने कहा
"Indeed we
إِنَّا
बेशक हम
heard
سَمِعْنَا
सुना हमने
a Quran
قُرْءَانًا
क़ुरआन
amazing
عَجَبًا
अजीब
Qul oohiya ilayya annahu istama'a nafarun mina aljinni faqaloo inna sami'na quranan 'ajaban (al-Jinn 72:1)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
कह दो, 'मेरी ओर प्रकाशना की गई है कि जिन्नों के एक गिरोह ने सुना, फिर उन्होंने कहा कि हमने एक मनभाता क़ुरआन सुना,
English Sahih:
Say, [O Muhammad], "It has been revealed to me that a group of the jinn listened and said, 'Indeed, we have heard an amazing Quran [i.e., recitation]. ([72] Al-Jinn : 1)