مُّتَّكِـِٕيْنَ فِيْهَا عَلَى الْاَرَاۤىِٕكِۚ لَا يَرَوْنَ فِيْهَا شَمْسًا وَّلَا زَمْهَرِيْرًاۚ ( الانسان: ١٣ )
Reclining
مُّتَّكِـِٔينَ
तकिया लगाए हुए होंगे
therein
فِيهَا
उसमें
on
عَلَى
मसनदों पर
couches
ٱلْأَرَآئِكِۖ
मसनदों पर
Not
لَا
ना वो देखेंगे
they will see
يَرَوْنَ
ना वो देखेंगे
therein
فِيهَا
उसमें
any sun
شَمْسًا
सख़्त धूप
and not
وَلَا
और ना
freezing cold
زَمْهَرِيرًا
सख़्त ठंडक
Muttakieena feeha 'ala alaraiki la yarawna feeha shamsan wala zamhareeran (al-ʾInsān 76:13)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उसमें वे तख़्तों पर टेक लगाए होंगे, वे उसमें न तो सख़्त धूप देखेंगे औ न सख़्त ठंड़
English Sahih:
[They will be] reclining therein on adorned couches. They will not see therein any [burning] sun or [freezing] cold. ([76] Al-Insan : 13)