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وَاَطِيْعُوا اللّٰهَ وَرَسُوْلَهٗ وَلَا تَنَازَعُوْا فَتَفْشَلُوْا وَتَذْهَبَ رِيْحُكُمْ وَاصْبِرُوْاۗ اِنَّ اللّٰهَ مَعَ الصّٰبِرِيْنَۚ   ( الأنفال: ٤٦ )

And obey
وَأَطِيعُوا۟
और इताअत करो
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह की
and His Messenger
وَرَسُولَهُۥ
और उसके रसूल की
and (do) not
وَلَا
और ना
dispute
تَنَٰزَعُوا۟
तुम बाहम झगड़ो
lest you lose courage
فَتَفْشَلُوا۟
वरना तुम कम हिम्मत हो जाओगे
and (would) depart
وَتَذْهَبَ
और जाती रहेगी
your strength
رِيحُكُمْۖ
हवा (शान) तुम्हारी
and be patient
وَٱصْبِرُوٓا۟ۚ
और सब्र करो
Indeed
إِنَّ
बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
(is) with
مَعَ
साथ है
the patient ones
ٱلصَّٰبِرِينَ
सब्र करने वालों के

Waatee'oo Allaha warasoolahu wala tanaza'oo fatafshaloo watathhaba reehukum waisbiroo inna Allaha ma'a alssabireena (al-ʾAnfāl 8:46)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और अल्लाह और उसके रसूल की आज्ञा मानो और आपस में न झगड़ो, अन्यथा हिम्मत हार बैठोगे और तुम्हारी हवा उखड़ जाएगी। और धैर्य से काम लो। निश्चय ही, अल्लाह धैर्यवानों के साथ है

English Sahih:

And obey Allah and His Messenger, and do not dispute and [thus] lose courage and [then] your strength would depart; and be patient. Indeed, Allah is with the patient. ([8] Al-Anfal : 46)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और ख़ुदा की और उसके रसूल की इताअत करो और आपस में झगड़ा न करो वरना तुम हिम्मत हारोगे और तुम्हारी हवा उखड़ जाएगी और (जंग की तकलीफ़ को) झेल जाओ (क्योंकि) ख़ुदा तो यक़ीनन सब्र करने वालों का साथी है