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وَلَا تَكُوْنُوْا كَالَّذِيْنَ خَرَجُوْا مِنْ دِيَارِهِمْ بَطَرًا وَّرِئَاۤءَ النَّاسِ وَيَصُدُّوْنَ عَنْ سَبِيْلِ اللّٰهِ ۗوَاللّٰهُ بِمَايَعْمَلُوْنَ مُحِيْطٌ   ( الأنفال: ٤٧ )

And (do) not
وَلَا
और ना
be
تَكُونُوا۟
तुम हो जाओ
like those who
كَٱلَّذِينَ
मानिन्द उनके जो
came forth
خَرَجُوا۟
निकले
from
مِن
अपने घरों से
their homes
دِيَٰرِهِم
अपने घरों से
boastfully
بَطَرًا
इतराते हुए
and showing off
وَرِئَآءَ
और दिखावा करते हुए
(to) the people
ٱلنَّاسِ
लोगों को
and hinder (them)
وَيَصُدُّونَ
और वो रोकते थे
from
عَن
अल्लाह के रास्ते से
(the) way
سَبِيلِ
अल्लाह के रास्ते से
(of) Allah
ٱللَّهِۚ
अल्लाह के रास्ते से
And Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
of what
بِمَا
उसको जो
they do
يَعْمَلُونَ
वो अमल करते हैं
(is) All-Encompassing
مُحِيطٌ
घेरने वाला है

Wala takoonoo kaallatheena kharajoo min diyarihim bataran wariaa alnnasi wayasuddoona 'an sabeeli Allahi waAllahu bima ya'maloona muheetun (al-ʾAnfāl 8:47)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और उन लोगों की तरह न हो जाना जो अपने घरों से इतराते और लोगों को दिखाते निकले थे और वे अल्लाह के मार्ग से रोकते है, हालाँकि जो कुछ वे करते है, अल्लाह उसे अपने घेरे में लिए हुए है

English Sahih:

And do not be like those who came forth from their homes insolently and to be seen by people and avert [them] from the way of Allah. And Allah is encompassing of what they do. ([8] Al-Anfal : 47)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और उन लोगों के ऐसे न हो जाओ जो इतराते हुए और लोगों के दिखलाने के वास्ते अपने घरों से निकल खड़े हुए और लोगों को ख़ुदा की राह से रोकते हैं और जो कुछ भी वह लोग करते हैं ख़ुदा उस पर (हर तरह से) अहाता किए हुए है