ذٰلِكَ بِمَا قَدَّمَتْ اَيْدِيْكُمْ وَاَنَّ اللّٰهَ لَيْسَ بِظَلَّامٍ لِّلْعَبِيْدِۙ ( الأنفال: ٥١ )
That
ذَٰلِكَ
ये
(is) for what
بِمَا
बवजह उसके जो
sent forth
قَدَّمَتْ
आगे भेजा
your hands
أَيْدِيكُمْ
तुम्हारे हाथों ने
And indeed
وَأَنَّ
और बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
(is) not
لَيْسَ
नहीं है
unjust
بِظَلَّٰمٍ
कोई ज़ुल्म करने वाला
to His slaves
لِّلْعَبِيدِ
बन्दों पर
Thalika bima qaddamat aydeekum waanna Allaha laysa bithallamin lil'abeedi (al-ʾAnfāl 8:51)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
यह तो उसी का बदला है जो तुम्हारे हाथों ने आगे भेजा और यह कि अल्लाह अपने बन्दों पर तनिक भी अत्याचार नहीं करता
English Sahih:
That is for what your hands have put forth [of evil] and because Allah is not ever unjust to [His] servants." ([8] Al-Anfal : 51)