وَاَعِدُّوْا لَهُمْ مَّا اسْتَطَعْتُمْ مِّنْ قُوَّةٍ وَّمِنْ رِّبَاطِ الْخَيْلِ تُرْهِبُوْنَ بِهٖ عَدُوَّ اللّٰهِ وَعَدُوَّكُمْ وَاٰخَرِيْنَ مِنْ دُوْنِهِمْۚ لَا تَعْلَمُوْنَهُمْۚ اَللّٰهُ يَعْلَمُهُمْۗ وَمَا تُنْفِقُوْا مِنْ شَيْءٍ فِيْ سَبِيْلِ اللّٰهِ يُوَفَّ اِلَيْكُمْ وَاَنْتُمْ لَا تُظْلَمُوْنَ ( الأنفال: ٦٠ )
Waa'iddoo lahum ma istata'tum min quwwatin wamin ribati alkhayli turhiboona bihi 'aduwwa Allahi wa'aduwwakum waakhareena min doonihim la ta'lamoonahumu Allahu ya'lamuhum wama tunfiqoo min shayin fee sabeeli Allahi yuwaffa ilaykum waantum la tuthlamoona (al-ʾAnfāl 8:60)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और जो भी तुमसे हो सके, उनके लिए बल और बँधे घोड़े तैयार रखो, ताकि इसके द्वारा अल्लाह के शत्रुओं और अपने शत्रुओं और इनके अतिरिक्त उन दूसरे लोगों को भी भयभीत कर दो जिन्हें तुम नहीं जानते। अल्लाह उनको जानता है और अल्लाह के मार्ग में तुम जो कुछ भी ख़र्च करोगे, वह तुम्हें पूरा-पूरा चुका दिया जाएगा और तुम्हारे साथ कदापि अन्याय न होगा
English Sahih:
And prepare against them whatever you are able of power and of steeds of war by which you may terrify the enemy of Allah and your enemy and others besides them whom you do not know [but] whom Allah knows. And whatever you spend in the cause of Allah will be fully repaid to you, and you will not be wronged. ([8] Al-Anfal : 60)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और (मुसलमानों तुम कुफ्फार के मुकाबले के) वास्ते जहाँ तक तुमसे हो सके (अपने बाज़ू के) ज़ोर से और बॅधे हुए घोड़े से लड़ाई का सामान मुहय्या करो इससे ख़ुदा के दुश्मन और अपने दुश्मन और उसके सिवा दूसरे लोगों पर भी अपनी धाक बढ़ा लेगें जिन्हें तुम नहीं जानते हो मगर ख़ुदा तो उनको जानता है और ख़ुदा की राह में तुम जो कुछ भी ख़र्च करोगें वह तुम पूरा पूरा भर पाओगें और तुम पर किसी तरह ज़ुल्म नहीं किया जाएगा