اَفَمَنْ اَسَّسَ بُنْيَانَهٗ عَلٰى تَقْوٰى مِنَ اللّٰهِ وَرِضْوَانٍ خَيْرٌ اَمْ مَّنْ اَسَّسَ بُنْيَانَهٗ عَلٰى شَفَا جُرُفٍ هَارٍ فَانْهَارَ بِهٖ فِيْ نَارِ جَهَنَّمَۗ وَاللّٰهُ لَا يَهْدِى الْقَوْمَ الظّٰلِمِيْنَ ( التوبة: ١٠٩ )
Afaman assasa bunyanahu 'ala taqwa mina Allahi waridwanin khayrun am man assasa bunyanahu 'ala shafa jurufin harin fainhara bihi fee nari jahannama waAllahu la yahdee alqawma alththalimeena (at-Tawbah 9:109)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
फिर क्या वह अच्छा है जिसने अपने भवन की आधारशिला अल्लाह के भय और उसकी ख़ुशी पर रखी है या वह, जिसने अपने भवन की आधारशिला किसी खाई के खोखले कगार पर रखी, जो गिरने को है। फिर वह उसे लेकर जहन्नम की आग में जा गिरा? अल्लाह तो अत्याचारी लोगों को सीधा मार्ग नहीं दिखाता
English Sahih:
Then is one who laid the foundation of his building on righteousness [with fear] from Allah and [seeking] His approval better or one who laid the foundation of his building on the edge of a bank about to collapse, so it collapsed with him into the fire of Hell? And Allah does not guide the wrongdoing people. ([9] At-Tawbah : 109)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
क्या जिस शख़्स ने ख़ुदा के ख़ौफ और ख़ुशनूदी पर अपनी इमारत की बुनियाद डाली हो वह ज्यादा अच्छा है या वह शख़्स जिसने अपनी इमारत की बुनियाद इस बोदे किनारे के लब पर रखी हो जिसमें दरार पड़ चुकी हो और अगर वह चाहता हो फिर उसे ले दे के जहन्नुम की आग में फट पडे और ख़ुदा ज़ालिम लोगों को मंज़िलें मक़सूद तक नहीं पहुंचाया करता