۞ اَجَعَلْتُمْ سِقَايَةَ الْحَاۤجِّ وَعِمَارَةَ الْمَسْجِدِ الْحَرَامِ كَمَنْ اٰمَنَ بِاللّٰهِ وَالْيَوْمِ الْاٰخِرِ وَجَاهَدَ فِيْ سَبِيْلِ اللّٰهِ ۗ لَا يَسْتَوٗنَ عِنْدَ اللّٰهِ ۗوَاللّٰهُ لَا يَهْدِى الْقَوْمَ الظّٰلِمِيْنَۘ ( التوبة: ١٩ )
Aja'altum siqayata alhajji wa'imarata almasjidi alharami kaman amana biAllahi waalyawmi alakhiri wajahada fee sabeeli Allahi la yastawoona 'inda Allahi waAllahu la yahdee alqawma alththalimeena (at-Tawbah 9:19)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
क्या तुमने हाजियों को पानी पिलाने और मस्जिदे हराम (काबा) के प्रबंध को उस क्यक्ति के काम के बराबर ठहरा लिया है, जो अल्लाह और अंतिम दिन पर ईमान लाया और उसने अल्लाह के मार्ग में संघर्ष किया?अल्लाह की दृष्टि में वे बराबर नहीं। और अल्लाह अत्याचारी लोगों को मार्ग नहीं दिखाता
English Sahih:
Have you made the providing of water for the pilgrim and the maintenance of al-Masjid al-Haram equal to [the deeds of] one who believes in Allah and the Last Day and strives in the cause of Allah? They are not equal in the sight of Allah. And Allah does not guide the wrongdoing people. ([9] At-Tawbah : 19)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
क्या तुम लोगों ने हाजियों की सक़ाई (पानी पिलाने वाले) और मस्जिदुल हराम (ख़ानाए काबा की आबादियों को उस शख़्स के हमसर (बराबर) बना दिया है जो ख़ुदा और रोज़े आख़ेरत के दिन पर ईमान लाया और ख़ुदा के राह में जेहाद किया ख़ुदा के नज़दीक तो ये लोग बराबर नहीं और खुदा ज़ालिम लोगों की हिदायत नहीं करता है