Skip to main content

۞ وَمِنْهُمْ مَّنْ عٰهَدَ اللّٰهَ لَىِٕنْ اٰتٰىنَا مِنْ فَضْلِهٖ لَنَصَّدَّقَنَّ وَلَنَكُوْنَنَّ مِنَ الصّٰلِحِيْنَ   ( التوبة: ٧٥ )

And among them
وَمِنْهُم
और कुछ उनमें से वो हैं
(is he) who
مَّنْ
जिन्होंने
made a covenant
عَٰهَدَ
अहद किया
(with) Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह से
"If
لَئِنْ
अलबत्ता अगर
He gives us
ءَاتَىٰنَا
वो देगा हमें
of
مِن
अपने फ़ज़ल से
His bounty
فَضْلِهِۦ
अपने फ़ज़ल से
surely we will give charity
لَنَصَّدَّقَنَّ
अलबत्ता हम ज़रूर सदक़ा करेंगे
and surely we will be
وَلَنَكُونَنَّ
और अलबत्ता हम ज़रूर हो जाऐंगे
among
مِنَ
नेक लोगों में से
the righteous"
ٱلصَّٰلِحِينَ
नेक लोगों में से

Waminhum man 'ahada Allaha lain atana min fadlihi lanassaddaqanna walanakoonanna mina alssaliheena (at-Tawbah 9:75)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और उनमें से कुछ लोग ऐसे भी है जिन्होने अल्लाह को वचन दिया था कि 'यदि उसने हमें अपने अनुग्रह से दिया तो हम अवश्य दान करेंगे और नेक होकर रहेंगे।'

English Sahih:

And among them are those who made a covenant with Allah, [saying], "If He should give us from His bounty, we will surely spend in charity, and we will surely be among the righteous." ([9] At-Tawbah : 75)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और इन (मुनाफेक़ीन) में से बाज़ ऐसे भी हैं जो ख़ुदा से क़ौल क़रार कर चुके थे कि अगर हमें अपने फज़ल (व करम) से (कुछ माल) देगा तो हम ज़रूर ख़ैरात किया करेगें और नेकोकार बन्दे हो जाऎंगे