وَجَاۤءَ الْمُعَذِّرُوْنَ مِنَ الْاَعْرَابِ لِيُؤْذَنَ لَهُمْ وَقَعَدَ الَّذِيْنَ كَذَبُوا اللّٰهَ وَرَسُوْلَهٗ ۗسَيُصِيْبُ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا مِنْهُمْ عَذَابٌ اَلِيْمٌ ( التوبة: ٩٠ )
Wajaa almu'aththiroona mina ala'rabi liyuthana lahum waqa'ada allatheena kathaboo Allaha warasoolahu sayuseebu allatheena kafaroo minhum 'athabun aleemun (at-Tawbah 9:90)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
बहाने करनेवाले बद्दूल भी आए कि उन्हें (बैठे रहने की) छुट्टी मिल जाए। और जो अल्लाह और उसके रसूल से झूठ बोले वे भी बैठे रहे। उनमें से जिन्होंने इनकार किया उन्हें शीघ्र ही एक दुखद यातना पहुँचकर रहेगी
English Sahih:
And those with excuses among the bedouins came to be permitted [to remain], and they who had lied to Allah and His Messenger sat [at home]. There will strike those who disbelieved among them a painful punishment. ([9] At-Tawbah : 90)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और (तुम्हारे पास) कुछ हीला करने वाले गवार देहाती (भी) आ मौजदू हुए ताकि उनको भी (पीछे रह जाने की) इजाज़त दी जाए और जिन लोगों ने ख़ुदा और उसके रसूल से झूठ कहा था वह (घर में) बैठ रहे (आए तक नहीं) उनमें से जिन लोगों ने कुफ़्र एख्तेयार किया अनक़रीब ही उन पर दर्दनाक अज़ाब आ पहुँचेगा