ثُمَّ كَانَ مِنَ الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَتَوَاصَوْا بِالصَّبْرِ وَتَوَاصَوْا بِالْمَرْحَمَةِۗ ( البلد: ١٧ )
Then
ثُمَّ
फिर
he is
كَانَ
हो वो
of
مِنَ
उनमें से जो
those who
ٱلَّذِينَ
उनमें से जो
believe
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
and enjoin each other
وَتَوَاصَوْا۟
और उन्होंने एक दूसरे को तलक़ीन की
to patience
بِٱلصَّبْرِ
सब्र की
and enjoin each other
وَتَوَاصَوْا۟
और एक दूसरे को तलक़ीन की
to compassion
بِٱلْمَرْحَمَةِ
रहम करने की
Thumma kana mina allatheena amanoo watawasaw bialssabri watawasaw bialmarhamati (al-Balad 90:17)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
फिर यह कि वह उन लोगों में से हो जो ईमान लाए और जिन्होंने एक-दूसरे को धैर्य की ताकीद की , और एक-दूसरे को दया की ताकीद की
English Sahih:
And then being among those who believed and advised one another to patience and advised one another to compassion. ([90] Al-Balad : 17)