۞ وَلَوْ يُعَجِّلُ اللّٰهُ لِلنَّاسِ الشَّرَّ اسْتِعْجَالَهُمْ بِالْخَيْرِ لَقُضِيَ اِلَيْهِمْ اَجَلُهُمْۗ فَنَذَرُ الَّذِيْنَ لَا يَرْجُوْنَ لِقَاۤءَنَا فِيْ طُغْيَانِهِمْ يَعْمَهُوْنَ ( يونس: ١١ )
Walaw yu'ajjilu Allahu lilnnasi alshsharra isti'jalahum bialkhayri laqudiya ilayhim ajaluhum fanatharu allatheena la yarjoona liqaana fee tughyanihim ya'mahoona (al-Yūnus 10:11)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
यदि अल्लाह लोगों के लिए उनके जल्दी मचाने के कारण भलाई की जगह बुराई को शीघ्र घटित कर दे तो उनकी ओर उनकी अवधि पूरी कर दी जाए, किन्तु हम उन लोगों को जो हमसे मिलने की आशा नहीं रखते उनकी अपनी सरकशी में भटकने के लिए छोड़ देते है
English Sahih:
And if Allah was to hasten for the people the evil [they invoke] as He hastens for them the good, their term would have been ended for them. But We leave the ones who do not expect the meeting with Us, in their transgression, wandering blindly. ([10] Yunus : 11)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और जिस तरह लोग अपनी भलाई के लिए जल्दी कर बैठे हैं उसी तरह अगर ख़ुदा उनकी शरारतों की सज़ा में बुराई में जल्दी कर बैठता है तो उनकी मौत उनके पास कब की आ चुकी होती मगर हम तो उन लोगों को जिन्हें (मरने के बाद) हमारी हुज़ूरी का खटका नहीं छोड़ देते हैं कि वह अपनी सरकशी में आप सरग़िरदा रहें