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دَعْوٰىهُمْ فِيْهَا سُبْحٰنَكَ اللهم وَتَحِيَّتُهُمْ فِيْهَا سَلٰمٌۚ وَاٰخِرُ دَعْوٰىهُمْ اَنِ الْحَمْدُ لِلّٰهِ رَبِّ الْعٰلَمِيْنَ ࣖ  ( يونس: ١٠ )

Their prayer
دَعْوَىٰهُمْ
उनकी दुआ (होगी)
therein
فِيهَا
उसमें
(will be) Glory be to You
سُبْحَٰنَكَ
पाक है तू
O Allah!"
ٱللَّهُمَّ
ऐ अल्लाह
And their greeting
وَتَحِيَّتُهُمْ
और दुआ उनकी
therein (will be)
فِيهَا
उसमें
"Peace"
سَلَٰمٌۚ
सलाम (होगा)
And the last
وَءَاخِرُ
और आख़िरी
(of) their call
دَعْوَىٰهُمْ
पुकार उनकी (होगी)
(will be) [that]
أَنِ
ये कि
"All the Praise be
ٱلْحَمْدُ
सब तारीफ़
to Allah
لِلَّهِ
अल्लाह के लिए है
Lord
رَبِّ
जो रब है
(of) the worlds"
ٱلْعَٰلَمِينَ
तमाम जहानों का

Da'wahum feeha subhanaka allahumma watahiyyatuhum feeha salamun waakhiru da'wahum ani alhamdu lillahi rabbi al'alameena (al-Yūnus 10:10)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वहाँ उनकी पुकार यह होगी कि 'महिमा है तेरी, ऐ अल्लाह!' और उनका पारस्परिक अभिवादन 'सलाम' होगा। और उनकी पुकार का अन्त इसपर होगा कि 'प्रशंसा अल्लाह ही के लिए है जो सारे संसार का रब है।'

English Sahih:

Their call therein will be, "Exalted are You, O Allah," and their greeting therein will be, "Peace." And the last of their call will be, "Praise to Allah, Lord of the worlds!" ([10] Yunus : 10)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

उन बाग़ों में उन लोगों का बस ये कौल होगा ऐ ख़ुदा तू पाक व पाकीज़ा है और उनमें उनकी बाहमी (आपसी) खैरसलाही (मुलाक़ात) सलाम से होगी और उनका आख़िरी क़ौल ये होगा कि सब तारीफ ख़ुदा ही को सज़ावार है जो सारे जहाँन का पालने वाला है