اَلَآ اِنَّ لِلّٰهِ مَنْ فِى السَّمٰوٰتِ وَمَنْ فِى الْاَرْضِۗ وَمَا يَتَّبِعُ الَّذِيْنَ يَدْعُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ شُرَكَاۤءَ ۗاِنْ يَّتَّبِعُوْنَ اِلَّا الظَّنَّ وَاِنْ هُمْ اِلَّا يَخْرُصُوْنَ ( يونس: ٦٦ )
Ala inna lillahi man fee alssamawati waman fee alardi wama yattabi'u allatheena yad'oona min dooni Allahi shurakaa in yattabi'oona illa alththanna wain hum illa yakhrusoona (al-Yūnus 10:66)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
जान रखो! जो कोई भी आकाशों में है और जो कोई धरती में है, अल्लाह ही का है। जो लोग अल्लाह को छोड़कर दूसरे साझीदारों को पुकारते है, वे आखिर किसका अनुसरण करते है? वे तो केवल अटकल पर चलते है और वे निरे अटकले दौड़ाते है
English Sahih:
Unquestionably, to Allah belongs whoever is in the heavens and whoever is on the earth. And those who invoke other than Allah do not [actually] follow [His] "partners." They follow not except assumption, and they are not but misjudging. ([10] Yunus : 66)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
आगाह रहो इसमें शक़ नहीं कि जो लोग आसमानों में हैं और जो लोग ज़मीन में है (ग़रज़ सब कुछ) ख़ुदा ही के लिए है और जो लोग ख़ुदा को छोड़कर (दूसरों को) पुकारते हैं वह तो (ख़ुदा के फर्ज़ी) शरीकों की राह पर भी नहीं चलते बल्कि वह तो सिर्फ अपनी अटकल पर चलते हैं और वह सिर्फ वहमी और ख्याली बातें किया करते हैं