قَالَ قَدْ اُجِيْبَتْ دَّعْوَتُكُمَا فَاسْتَقِيْمَا وَلَا تَتَّبِعٰۤنِّ سَبِيْلَ الَّذِيْنَ لَا يَعْلَمُوْنَ ( يونس: ٨٩ )
He said
قَالَ
फ़रमाया
"Verily
قَدْ
तहक़ीक़
has been answered
أُجِيبَت
क़ुबूल कर ली गई
(the) invocation of both of you
دَّعْوَتُكُمَا
दुआ तुम दोनों की
So you two (keep to the) straight way
فَٱسْتَقِيمَا
पस तुम दोनों साबित क़दम रहो
And (do) not
وَلَا
और ना
follow
تَتَّبِعَآنِّ
तुम दोनों हरगिज़ पैरवी करना
(the) way
سَبِيلَ
रास्ते की
(of) those who
ٱلَّذِينَ
उनके जो
(do) not
لَا
नहीं वो इल्म रखते
know"
يَعْلَمُونَ
नहीं वो इल्म रखते
Qala qad ojeebat da'watukuma faistaqeema wala tattabi'anni sabeela allatheena la ya'lamoona (al-Yūnus 10:89)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
कहा, 'तुम दोनों की प्रार्थना स्वीकृत हो चुकी। अतः तुम दोनों जमें रहो और उन लोगों के मार्ग पर कदापि न चलना, जो जानते नहीं।'
English Sahih:
[Allah] said, "Your supplication has been answered." So remain on a right course and follow not the way of those who do not know." ([10] Yunus : 89)