فَلَعَلَّكَ تَارِكٌۢ بَعْضَ مَا يُوْحٰىٓ اِلَيْكَ وَضَاۤىِٕقٌۢ بِهٖ صَدْرُكَ اَنْ يَّقُوْلُوْا لَوْلَآ اُنْزِلَ عَلَيْهِ كَنْزٌ اَوْ جَاۤءَ مَعَهٗ مَلَكٌ ۗاِنَّمَآ اَنْتَ نَذِيْرٌ ۗ وَاللّٰهُ عَلٰى كُلِّ شَيْءٍ وَّكِيْلٌ ۗ ( هود: ١٢ )
Fala'allaka tarikun ba'da ma yooha ilayka wadaiqun bihi sadruka an yaqooloo lawla onzila 'alayhi kanzun aw jaa ma'ahu malakun innama anta natheerun waAllahu 'ala kulli shayin wakeelun (Hūd 11:12)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
तो शायद तुम उसमें से कुछ छोड़ बैठोगे, जो तुम्हारी ओर प्रकाशना रूप में भेजी जा रही है। और तुम इस बात पर तंगदिल हो रहे हो कि वे कहते है, 'उसपर कोई ख़ज़ाना क्यों नहीं उतरा या उसके साथ कोई फ़रिश्ता क्यों नहीं आया?' तुम तो केवल सचेत करनेवाले हो। हर चीज़ अल्लाह ही के हवाले है
English Sahih:
Then would you possibly leave [out] some of what is revealed to you, or is your breast constrained by it because they say, "Why has there not been sent down to him a treasure or come with him an angel?" But you are only a warner. And Allah is Disposer of all things. ([11] Hud : 12)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
तो जो चीज़ तुम्हारे पास 'वही' के ज़रिए से भेजी है उनमें से बाज़ को (सुनाने के वक्त) यायद तुम फक़त इस ख्याल से छोड़ देने वाले हो और तुम तंग दिल हो कि मुबादा ये लोग कह बैंठें कि उन पर खज़ाना क्यों नहीं नाज़िल किया गया या (उनके तसदीक के लिए) उनके साथ कोई फरिश्ता क्यों न आया तो तुम सिर्फ (अज़ाब से) डराने वाले हो