قَالَ سَاٰوِيْٓ اِلٰى جَبَلٍ يَّعْصِمُنِيْ مِنَ الْمَاۤءِ ۗقَالَ لَا عَاصِمَ الْيَوْمَ مِنْ اَمْرِ اللّٰهِ اِلَّا مَنْ رَّحِمَ ۚوَحَالَ بَيْنَهُمَا الْمَوْجُ فَكَانَ مِنَ الْمُغْرَقِيْنَ ( هود: ٤٣ )
Qala saawee ila jabalin ya'simunee mina almai qala la 'asima alyawma min amri Allahi illa man rahima wahala baynahuma almawju fakana mina almughraqeena (Hūd 11:43)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उसने कहा, 'मैं किसी पहाड़ से जा लगूँगा, जो मुझे पानी से बचा लेगा।' कहा, 'आज अल्लाह के आदेश (फ़ैसले) से कोई बचानेवाला नहीं है सिवाय उसके जिसपर वह दया करे।' इतने में दोनों के बीच लहर आ पड़ी और डूबनेवालों के साथ वह भी डूब गया
English Sahih:
[But] he said, "I will take refuge on a mountain to protect me from the water." [Noah] said, "There is no protector today from the decree of Allah, except for whom He gives mercy." And the waves came between them, and he was among the drowned. ([11] Hud : 43)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(मुझे माफ कीजिए) मै तो अभी किसी पहाड़ का सहारा पकड़ता हूँ जो मुझे पानी (में डूबने) से बचा लेगा नूह ने (उससे) कहा (अरे कम्बख्त) आज ख़ुदा के अज़ाब से कोई बचाने वाला नहीं मगर ख़ुदा ही जिस पर रहम फरमाएगा और (ये बात हो रही थी कि) यकायक दोनो बाप बेटे के दरमियान एक मौज हाएल हो गई और वह डूब कर रह गया