مَا تَعْبُدُوْنَ مِنْ دُوْنِهٖٓ اِلَّآ اَسْمَاۤءً سَمَّيْتُمُوْهَآ اَنْتُمْ وَاٰبَاۤؤُكُمْ مَّآ اَنْزَلَ اللّٰهُ بِهَا مِنْ سُلْطٰنٍۗ اِنِ الْحُكْمُ اِلَّا لِلّٰهِ ۗاَمَرَ اَلَّا تَعْبُدُوْٓا اِلَّآ اِيَّاهُ ۗذٰلِكَ الدِّيْنُ الْقَيِّمُ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا يَعْلَمُوْنَ ( يوسف: ٤٠ )
Ma ta'budoona min doonihi illa asmaan sammaytumooha antum waabaokum ma anzala Allahu biha min sultanin ini alhukmu illa lillahi amara alla ta'budoo illa iyyahu thalika alddeenu alqayyimu walakinna akthara alnnasi la ya'lamoona (Yūsuf 12:40)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
तुम उसके सिवा जिनकी भी बन्दगी करते हो वे तो बस निरे नाम हैं जो तुमने रख छोड़े है और तुम्हारे बाप-दादा ने। उनके लिए अल्लाह ने कोई प्रमाण नहीं उतारा। सत्ता और अधिकार तो बस अल्लाह का है। उसने आदेश दिया है कि उसके सिवा किसी की बन्दगी न करो। यही सीधा, सच्चा दीन (धर्म) हैं, किन्तु अधिकतर लोग नहीं जानते
English Sahih:
You worship not besides Him except [mere] names you have named them, you and your fathers, for which Allah has sent down no evidence. Legislation is not but for Allah. He has commanded that you worship not except Him. That is the correct religion, but most of the people do not know. ([12] Yusuf : 40)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
तुम लोग तो ख़ुदा को छोड़कर बस उन चन्द नामों ही को परसतिश करते हो जिन को तुमने और तुम्हारे बाप दादाओं ने गढ़ लिया है ख़ुदा ने उनके लिए कोई दलील नहीं नाज़िल की हुकूमत तो बस ख़ुदा ही के वास्ते ख़ास है उसने तो हुक्म दिया है कि उसके सिवा किसी की इबादत न करो यही साीधा दीन है मगर (अफसोस) बहुतेरे लोग नहीं जानते हैं