قَالُوْٓا اَضْغَاثُ اَحْلَامٍ ۚوَمَا نَحْنُ بِتَأْوِيْلِ الْاَحْلَامِ بِعٰلِمِيْنَ ( يوسف: ٤٤ )
They said
قَالُوٓا۟
उन्हों कहा
"Confused
أَضْغَٰثُ
परेशान
dreams
أَحْلَٰمٍۖ
ख़्वाब हैं
and not
وَمَا
और नहीं
we
نَحْنُ
हम
(are) in the interpretation
بِتَأْوِيلِ
ताबीर को
(of) the dreams
ٱلْأَحْلَٰمِ
ख़्वाबों की
learned"
بِعَٰلِمِينَ
जानने वाले
Qaloo adghathu ahlamin wama nahnu bitaweeli alahlami bi'alimeena (Yūsuf 12:44)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उन्होंने कहा, 'ये तो सम्भ्रमित स्वप्न है। हम ऐसे स्वप्न का अर्थ नहीं जानते।'
English Sahih:
They said, "[It is but] a mixture of false dreams, and we are not learned in the interpretation of dreams." ([12] Yusuf : 44)