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وَلَمَّا جَهَّزَهُمْ بِجَهَازِهِمْ قَالَ ائْتُوْنِيْ بِاَخٍ لَّكُمْ مِّنْ اَبِيْكُمْ ۚ اَلَا تَرَوْنَ اَنِّيْٓ اُوْفِى الْكَيْلَ وَاَنَا۠ خَيْرُ الْمُنْزِلِيْنَ   ( يوسف: ٥٩ )

And when
وَلَمَّا
और जब
he had furnished them
جَهَّزَهُم
उसने तैयार करके दिया उन्हें
with their supplies
بِجَهَازِهِمْ
सामान उनका
he said
قَالَ
कहा
"Bring to me
ٱئْتُونِى
लाना मेरे पास
a brother
بِأَخٍ
भाई को
of yours
لَّكُم
अपने
from
مِّنْ
अपने बाप की तरफ़ से
your father
أَبِيكُمْۚ
अपने बाप की तरफ़ से
Do not
أَلَا
क्या नहीं
you see
تَرَوْنَ
तुम देखते
that I
أَنِّىٓ
बेशक मैं
[I] give full
أُوفِى
मैं पूरा-पूरा देता हूँ
[the] measure
ٱلْكَيْلَ
पैमाना (ग़ल्ला)
and that I am
وَأَنَا۠
और मैं
(the) best
خَيْرُ
बेहतर हूँ
(of) the hosts?
ٱلْمُنزِلِينَ
सब मेज़बानी करने वालों से

Walamma jahhazahum bijahazihim qala itoonee biakhin lakum min abeekum ala tarawna annee oofee alkayla waana khayru almunzileena (Yūsuf 12:59)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जब उसने उनके लिए उनका सामान तैयार करा दिया तो कहा, 'बाप की ओर सो तुम्हारा भाई है, उसे मेरे पास लाना। क्या देखते नहीं कि मैं पूरी माप से देता हूँ और मैं अच्छा आतिशेय भी हूँ?'

English Sahih:

And when he had furnished them with their supplies, he said, "Bring me a brother of yours from your father. Do you not see that I give full measure and that I am the best of accommodators? ([12] Yusuf : 59)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जब यूसुफ ने उनके (ग़ल्ले का) सामान दुरूस्त कर दिया और वह जाने लगे तो यूसुफ़ ने (उनसे कहा) कि (अबकी आना तो) अपने सौतेले भाई को (जिसे घर छोड़ आए हो) मेरे पास लेते आना क्या तुम नहीं देखते कि मै यक़ीनन नाप भी पूरी देता हूं और बहुत अच्छा मेहमान नवाज़ भी हूँ