Skip to main content

وَلَقَدِ اسْتُهْزِئَ بِرُسُلٍ مِّنْ قَبْلِكَ فَاَمْلَيْتُ لِلَّذِيْنَ كَفَرُوْا ثُمَّ اَخَذْتُهُمْ فَكَيْفَ كَانَ عِقَابِ   ( الرعد: ٣٢ )

And certainly
وَلَقَدِ
और अलबत्ता तहक़ीक़
were mocked
ٱسْتُهْزِئَ
मज़ाक़ उड़ाया गया
Messengers
بِرُسُلٍ
कई रसूलों का
from
مِّن
आपसे क़ब्ल
before you
قَبْلِكَ
आपसे क़ब्ल
but I granted respite
فَأَمْلَيْتُ
तो ढील दी मैंने
to those who
لِلَّذِينَ
उनको जिन्होंने
disbelieved
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
then
ثُمَّ
फिर
I seized them
أَخَذْتُهُمْۖ
पकड़ लिया मैंने उन्हें
and how
فَكَيْفَ
तो कैसी
was
كَانَ
थी
My penalty
عِقَابِ
सज़ा मेरी

Walaqadi istuhzia birusulin min qablika faamlaytu lillatheena kafaroo thumma akhathtuhum fakayfa kana 'iqabi (ar-Raʿd 13:32)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

तुमसे पहले भी कितने ही रसूलों का उपहास किया जा चुका है, किन्तु मैंने इनकार करनेवालों को मुहलत दी। फिर अंततः मैंने उन्हें पकड़ लिया, फिर कैसी रही मेरी सज़ा?

English Sahih:

And already were [other] messengers ridiculed before you, and I extended the time of those who disbelieved; then I seized them, and how [terrible] was My penalty. ([13] Ar-Ra'd : 32)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और (ऐ रसूल) तुमसे पहले भी बहुतेरे पैग़म्बरों की हॅसी उड़ाई जा चुकी है तो मैने (चन्द रोज़) काफिरों को मोहलत दी फिर (आख़िर कार) हमने उन्हें ले डाला फिर (तू क्या पूछता है कि) हमारा अज़ाब कैसा था