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تُؤْتِيْٓ اُكُلَهَا كُلَّ حِيْنٍ ۢبِاِذْنِ رَبِّهَاۗ وَيَضْرِبُ اللّٰهُ الْاَمْثَالَ لِلنَّاسِ لَعَلَّهُمْ يَتَذَكَّرُوْنَ   ( ابراهيم: ٢٥ )

Giving
تُؤْتِىٓ
वो देता है
its fruit
أُكُلَهَا
फल अपना
all
كُلَّ
हर
time
حِينٍۭ
वक़्त
by the permission
بِإِذْنِ
इज़्न से
of its Lord
رَبِّهَاۗ
अपने रब के
And Allah sets forth
وَيَضْرِبُ
और बयान करता है
And Allah sets forth
ٱللَّهُ
अल्लाह
the examples
ٱلْأَمْثَالَ
मिसालें
for mankind
لِلنَّاسِ
लोगों के लिए
so that they may
لَعَلَّهُمْ
शायद कि वो
remember
يَتَذَكَّرُونَ
वो नसीहत पकड़ें

Tutee okulaha kulla heenin biithni rabbiha wayadribu Allahu alamthala lilnnasi la'allahum yatathakkaroona (ʾIbrāhīm 14:25)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

अपने रब की अनुमति से वह हर समय अपना फल दे रहा हो। अल्लाह तो लोगों के लिए मिशालें पेश करता है, ताकि वे जाग्रत हों

English Sahih:

It produces its fruit all the time, by permission of its Lord. And Allah presents examples for the people that perhaps they will be reminded. ([14] Ibrahim : 25)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

अपने परवरदिगार के हुक्म से हर वक्त फ़ला (फूला) रहता है और ख़ुदा लोगों के वास्ते (इसलिए) मिसालें बयान फरमाता है ताकि लोग नसीहत व इबरत हासिल करें