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قَالَ لَمْ اَكُنْ لِّاَسْجُدَ لِبَشَرٍ خَلَقْتَهٗ مِنْ صَلْصَالٍ مِّنْ حَمَاٍ مَّسْنُوْنٍ   ( الحجر: ٣٣ )

He said
قَالَ
उसने कहा
"I am not
لَمْ
नहीं
"I am not
أَكُن
हूँ मैं
(one) to prostrate
لِّأَسْجُدَ
कि मैं सजदा करूँ
to a human
لِبَشَرٍ
ऐसे इन्सान को
whom You created
خَلَقْتَهُۥ
बनाया तूने उसे
(out) of
مِن
खनकती मिट्टी से
clay
صَلْصَٰلٍ
खनकती मिट्टी से
from
مِّنْ
कीचड़ से
black mud
حَمَإٍ
कीचड़ से
altered"
مَّسْنُونٍ
बदबूदार

Qala lam akun liasjuda libasharin khalaqtahu min salsalin min hamain masnoonin (al-Ḥijr 15:33)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उसने कहा, 'मैं ऐसा नहीं हूँ कि मैं उस मनुष्य को सजदा करूँ जिसको तू ने सड़े हुए गारे की खनखनाती हुए मिट्टी से बनाया।'

English Sahih:

He said, "Never would I prostrate to a human whom You created out of clay from an altered black mud." ([15] Al-Hijr : 33)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

वह (ढिठाई से) कहने लगा मैं ऐसा गया गुज़रा तो हूँ नहीं कि ऐसे आदमी को सजदा कर बैठूँ जिसे तूने सड़ी हुई खन खन बोलने वाली मिट्टी से पैदा किया है