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bismillah

الٓرۚ
अलिफ़ लाम रा
تِلْكَ
ये
ءَايَٰتُ
आयात हैं
ٱلْكِتَٰبِ
किताब की
وَقُرْءَانٍ
और क़ुरआन वाज़ेह की
مُّبِينٍ
और क़ुरआन वाज़ेह की

Aliflamra tilka ayatu alkitabi waquranin mubeenin

अलिफ़॰ लाम॰ रा॰। यह किताब अर्थात स्पष्ट क़ुरआन की आयतें हैं

Tafseer (तफ़सीर )

رُّبَمَا
कभी
يَوَدُّ
चाहेंगे
ٱلَّذِينَ
वो लोग जिन्होंने
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
لَوْ
काश
كَانُوا۟
वो होते
مُسْلِمِينَ
मुसलमान

Rubama yawaddu allatheena kafaroo law kanoo muslimeena

ऐसे समय आएँगे जब इनकार करनेवाले कामना करेंगे कि क्या ही अच्छा होता कि हम मुस्लिम (आज्ञाकारी) होते!

Tafseer (तफ़सीर )

ذَرْهُمْ
छोड़ दीजिए उन्हें
يَأْكُلُوا۟
वो खाऐं
وَيَتَمَتَّعُوا۟
और मज़े उड़ाऐं
وَيُلْهِهِمُ
और ग़ाफ़िल रखे उन्हें
ٱلْأَمَلُۖ
उम्मीद
فَسَوْفَ
पस अनक़रीब
يَعْلَمُونَ
वो जान लेंगे

Tharhum yakuloo wayatamatta'oo wayulhihimu alamalu fasawfa ya'lamoona

छोड़ो उन्हें खाएँ और मज़े उड़ाएँ और (लम्बी) आशा उन्हें भुलावे में डाले रखे। उन्हें जल्द ही मालूम हो जाएगा!

Tafseer (तफ़सीर )

وَمَآ
और नहीं
أَهْلَكْنَا
हलाक किया
مِن
किसी बस्ती को
قَرْيَةٍ
किसी बस्ती को
إِلَّا
मगर
وَلَهَا
जबकि उसके लिए
كِتَابٌ
लिखा हुआ है
مَّعْلُومٌ
मालूम (वक़्त)

Wama ahlakna min qaryatin illa walaha kitabun ma'loomun

हमने जिस बस्ती को भी विनष्ट किया है, उसके लिए अनिवार्यतः एक निश्चित फ़ैसला रहा है!

Tafseer (तफ़सीर )

مَّا
नहीं
تَسْبِقُ
सबक़त करती/आगे बढ़ती
مِنْ
कोई उम्मत
أُمَّةٍ
कोई उम्मत
أَجَلَهَا
अपने मुक़र्रर वक़्त से
وَمَا
और ना
يَسْتَـْٔخِرُونَ
वो पीछे रह सकती है

Ma tasbiqu min ommatin ajalaha wama yastakhiroona

किसी समुदाय के लोग न अपने निश्चि‍त समय से आगे बढ़ सकते है और न वे पीछे रह सकते है

Tafseer (तफ़सीर )

وَقَالُوا۟
और उन्होंने कहा
يَٰٓأَيُّهَا
ٱلَّذِى
वो शख़्स
نُزِّلَ
उतारा गया
عَلَيْهِ
जिस पर
ٱلذِّكْرُ
ज़िक्र (क़ुरआन)
إِنَّكَ
यक़ीनन तू
لَمَجْنُونٌ
अलबत्ता मजनून है

Waqaloo ya ayyuha allathee nuzzila 'alayhi alththikru innaka lamajnoonun

वे कहते है, 'ऐ व्यक्ति, जिसपर अनुस्मरण अवतरित हुआ, तुम निश्चय ही दीवाने हो!

Tafseer (तफ़सीर )

لَّوْ
क्यों नहीं
مَا
क्यों नहीं
تَأْتِينَا
तू लाया हमारे पास
بِٱلْمَلَٰٓئِكَةِ
फ़रिश्तों को
إِن
अगर
كُنتَ
है तू
مِنَ
सच्चों में से
ٱلصَّٰدِقِينَ
सच्चों में से

Law ma tateena bialmalaikati in kunta mina alssadiqeena

यदि तुम सच्चे हो तो हमारे समक्ष फ़रिश्तों को क्यों नहीं ले आते?'

Tafseer (तफ़सीर )

مَا
नहीं
نُنَزِّلُ
हम उतारा करते
ٱلْمَلَٰٓئِكَةَ
फ़रिश्तों को
إِلَّا
मगर
بِٱلْحَقِّ
साथ हक़ के
وَمَا
और नहीं
كَانُوٓا۟
होते वो
إِذًا
तब
مُّنظَرِينَ
मोहलत दिए गए

Ma nunazzilu almalaikata illa bialhaqqi wama kanoo ithan munthareena

फ़रिश्तों को हम केवल सत्य के प्रयोजन हेतु उतारते है और उस समय लोगों को मुहलत नहीं मिलेगी

Tafseer (तफ़सीर )

إِنَّا
बेशक हम
نَحْنُ
हम ही ने
نَزَّلْنَا
नाज़िल किया हमने
ٱلذِّكْرَ
ज़िक्र (क़ुरआन)
وَإِنَّا
और बेशक हम ही
لَهُۥ
उसकी
لَحَٰفِظُونَ
अलबत्ता हिफ़ज़त करने वाले हैं

Inna nahnu nazzalna alththikra wainna lahu lahafithoona

यह अनुसरण निश्चय ही हमने अवतरित किया है और हम स्वयं इसके रक्षक हैं

Tafseer (तफ़सीर )

وَلَقَدْ
और अलबत्ता तहक़ीक़
أَرْسَلْنَا
भेजे हमने
مِن
आपसे पहले (रसूल)
قَبْلِكَ
आपसे पहले (रसूल)
فِى
गिरोहों में
شِيَعِ
गिरोहों में
ٱلْأَوَّلِينَ
पहले लोगों के

Walaqad arsalna min qablika fee shiya'i alawwaleena

तुमसे पहले कितने ही विगत गिरोंहों में हम रसूल भेज चुके है

Tafseer (तफ़सीर )
कुरान की जानकारी :
अल हिज्र
القرآن الكريم:الحجر
आयत सजदा (سجدة):-
सूरा (latin):Al-Hijr
सूरा:15
कुल आयत:99
कुल शब्द:54
कुल वर्ण:2760
रुकु:6
वर्गीकरण:मक्कन सूरा
Revelation Order:54
से शुरू आयत:1802