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مَا نُنَزِّلُ الْمَلٰۤىِٕكَةَ اِلَّا بِالْحَقِّ وَمَا كَانُوْٓا اِذًا مُّنْظَرِيْنَ   ( الحجر: ٨ )

Not
مَا
नहीं
We send down
نُنَزِّلُ
हम उतारा करते
the Angels
ٱلْمَلَٰٓئِكَةَ
फ़रिश्तों को
except
إِلَّا
मगर
with the truth;
بِٱلْحَقِّ
साथ हक़ के
and not
وَمَا
और नहीं
they would be
كَانُوٓا۟
होते वो
then
إِذًا
तब
given respite
مُّنظَرِينَ
मोहलत दिए गए

Ma nunazzilu almalaikata illa bialhaqqi wama kanoo ithan munthareena (al-Ḥijr 15:8)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

फ़रिश्तों को हम केवल सत्य के प्रयोजन हेतु उतारते है और उस समय लोगों को मुहलत नहीं मिलेगी

English Sahih:

We do not send down the angels except with truth; and they [i.e., the disbelievers] would not then be reprieved. ([15] Al-Hijr : 8)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(हालॉकि) हम फरिश्तों को खुल्लम खुल्ला (जिस अज़ाब के साथ) फैसले ही के लिए भेजा करते हैं और (अगर फरिश्ते नाज़िल हो जाए तो) फिर उनको (जान बचाने की) मोहलत भी न मिले