وَمَا ذَرَاَ لَكُمْ فِى الْاَرْضِ مُخْتَلِفًا اَلْوَانُهٗ ۗاِنَّ فِيْ ذٰلِكَ لَاٰيَةً لِّقَوْمٍ يَّذَّكَّرُوْنَ ( النحل: ١٣ )
And whatever
وَمَا
और जो कुछ
He multiplied
ذَرَأَ
उसने फैला दिया
for you
لَكُمْ
तुम्हारे लिए
in
فِى
ज़मीन में
the earth
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
(of) varying
مُخْتَلِفًا
मुख़्तलिफ़ हैं
colors
أَلْوَٰنُهُۥٓۗ
रंग उसके
Indeed
إِنَّ
यक़ीनन
in
فِى
उसमें
that
ذَٰلِكَ
उसमें
surely (is) a sign
لَءَايَةً
अलबत्ता एक निशानी है
for a people
لِّقَوْمٍ
उन लोगों के लिए
who remember
يَذَّكَّرُونَ
जो नसीहत पकड़ते हैं
Wama tharaa lakum fee alardi mukhtalifan alwanuhu inna fee thalika laayatan liqawmin yaththakkaroona (an-Naḥl 16:13)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और धरती में तुम्हारे लिए जो रंग-बिरंग की चीज़े बिखेर रखी है, उसमें भी उन लोगों के लिए बड़ी निशानी है जो शिक्षा लेनेवाले है
English Sahih:
And [He has subjected] whatever He multiplied for you on the earth of varying colors. Indeed in that is a sign for a people who remember. ([16] An-Nahl : 13)