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جَنّٰتُ عَدْنٍ يَّدْخُلُوْنَهَا تَجْرِيْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ لَهُمْ فِيْهَا مَا يَشَاۤءُوْنَ ۗ كَذٰلِكَ يَجْزِى اللّٰهُ الْمُتَّقِيْنَۙ  ( النحل: ٣١ )

Gardens
جَنَّٰتُ
बाग़ात
(of) Eden
عَدْنٍ
हमेशागी के
which they will enter
يَدْخُلُونَهَا
वो दाख़िल होंगे उनमें
flows
تَجْرِى
बहती हैं
from
مِن
उनके नीचे से
underneath them
تَحْتِهَا
उनके नीचे से
the rivers
ٱلْأَنْهَٰرُۖ
नहरें
For them
لَهُمْ
उनके लिए
therein
فِيهَا
उसमें होगा
(will be) whatever
مَا
जो कुछ
they wish
يَشَآءُونَۚ
वो चाहेंगे
Thus
كَذَٰلِكَ
इसी तरह
Allah rewards
يَجْزِى
बदला देगा
Allah rewards
ٱللَّهُ
अल्लाह
the righteous
ٱلْمُتَّقِينَ
मुत्तक़ी लोगों को

Jannatu 'adnin yadkhuloonaha tajree min tahtiha alanharu lahum feeha ma yashaoona kathalika yajzee Allahu almuttaqeena (an-Naḥl 16:31)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

सदैव रहने के बाग़ जिनमें वे प्रवेश करेंगे, उनके नीचे नहरें बह रहीं होंगी, उनके लिए वहाँ वह सब कुछ संचित होगा, जो वे चाहे। अल्लाह डर रखनेवालों को ऐसा ही प्रतिदान प्रदान करता है

English Sahih:

Gardens of perpetual residence, which they will enter, beneath which rivers flow. They will have therein whatever they wish. Thus does Allah reward the righteous – ([16] An-Nahl : 31)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

सदा बहार (हरे भरे) बाग़ हैं जिनमें (वे तकल्लुफ) जा पहुँचेगें उनके नीचे नहरें जारी होंगी और ये लोग जो चाहेगें उनके लिए मुयय्या (मौजूद) है यूँ ख़ुदा परहेज़गारों (को उनके किए) की जज़ा अता फरमाता है