وَمِنْ ثَمَرٰتِ النَّخِيْلِ وَالْاَعْنَابِ تَتَّخِذُوْنَ مِنْهُ سَكَرًا وَّرِزْقًا حَسَنًاۗ اِنَّ فِيْ ذٰلِكَ لَاٰيَةً لِّقَوْمٍ يَّعْقِلُوْنَ ( النحل: ٦٧ )
And from
وَمِن
और फलों में से
fruits
ثَمَرَٰتِ
और फलों में से
the date-palm
ٱلنَّخِيلِ
खजूर
and the grapes
وَٱلْأَعْنَٰبِ
और अंगूर
you take
تَتَّخِذُونَ
तुम बनालेते हो
from it
مِنْهُ
उससे
intoxicant
سَكَرًا
नशाआवर चीज़
and a provision
وَرِزْقًا
और रिज़्क़
good
حَسَنًاۗ
अच्छा
Indeed
إِنَّ
बेशक
in
فِى
इसमें
that
ذَٰلِكَ
इसमें
(is) surely a Sign
لَءَايَةً
अलबत्ता एक निशानी है
for a people
لِّقَوْمٍ
उन लोगों के लिए
who use reason
يَعْقِلُونَ
जो अक़्ल रखते हैं
Wamin thamarati alnnakheeli waala'nabi tattakhithoona minhu sakaran warizqan hasanan inna fee thalika laayatan liqawmin ya'qiloona (an-Naḥl 16:67)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और खजूरों और अंगूरों के फलों से भी, जिससे तुम मादक चीज़ भी तैयार कर लेते हो और अच्छी रोज़ी भी। निश्चय ही इसमें बुद्धि से काम लेनेवाले लोगों के लिए एक बड़ी निशानी है
English Sahih:
And from the fruits of the palm trees and grapevines you take intoxicant and good provision. Indeed in that is a sign for a people who reason. ([16] An-Nahl : 67)