ثُمَّ كُلِيْ مِنْ كُلِّ الثَّمَرٰتِ فَاسْلُكِيْ سُبُلَ رَبِّكِ ذُلُلًاۗ يَخْرُجُ مِنْ بُطُوْنِهَا شَرَابٌ مُّخْتَلِفٌ اَلْوَانُهٗ ۖفِيْهِ شِفَاۤءٌ لِّلنَّاسِۗ اِنَّ فِيْ ذٰلِكَ لَاٰيَةً لِّقَوْمٍ يَّتَفَكَّرُوْنَ ( النحل: ٦٩ )
Thumma kulee min kulli alththamarati faoslukee subula rabbiki thululan yakhruju min butooniha sharabun mukhtalifun alwanuhu feehi shifaon lilnnasi inna fee thalika laayatan liqawmin yatafakkaroona (an-Naḥl 16:69)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
फिर हर प्रकार के फल-फूलों से ख़ुराक ले और अपने रब के समतम मार्गों पर चलती रह।' उसके पेट से विभिन्न रंग का एक पेय निकलता है, जिसमें लोगों के लिए आरोग्य है। निश्चय ही सोच-विचार करनेवाले लोगों के लिए इसमें एक बड़ी निशानी है
English Sahih:
Then eat from all the fruits and follow the ways of your Lord laid down [for you]." There emerges from their bellies a drink, varying in colors, in which there is healing for people. Indeed in that is a sign for a people who give thought. ([16] An-Nahl : 69)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
उनमें अपने छत्ते बना फिर हर तरह के फलों (के पूर से) (उनका अर्क़) चूस कर फिर अपने परवरदिगार की राहों में ताबेदारी के साथ चली मक्खियों के पेट से पीने की एक चीज़ निकलती है (शहद) जिसके मुख्तलिफ रंग होते हैं इसमें लोगों (के बीमारियों) की शिफ़ा (भी) है इसमें शक़ नहीं कि इसमें ग़ौर व फ़िक्र करने वालों के वास्ते (क़ुदरते ख़ुदा की बहुत बड़ी निशानी है)