Skip to main content

وَلَا تَقْفُ مَا لَيْسَ لَكَ بِهٖ عِلْمٌ ۗاِنَّ السَّمْعَ وَالْبَصَرَ وَالْفُؤَادَ كُلُّ اُولٰۤىِٕكَ كَانَ عَنْهُ مَسْـُٔوْلًا   ( الإسراء: ٣٦ )

And (do) not
وَلَا
और ना
pursue
تَقْفُ
तुम पीछे पड़ो
what
مَا
उसके जो
not
لَيْسَ
नहीं
you have
لَكَ
तुम्हें
of it
بِهِۦ
उसका
any knowledge
عِلْمٌۚ
कोई इल्म
Indeed
إِنَّ
बेशक
the hearing
ٱلسَّمْعَ
कान
and the sight
وَٱلْبَصَرَ
और आँख
and the heart
وَٱلْفُؤَادَ
और दिल
all
كُلُّ
हर एक
those
أُو۟لَٰٓئِكَ
उनमें से
will be
كَانَ
है
[about it]
عَنْهُ
उसके बारे में
questioned
مَسْـُٔولًا
सवाल किया जाने वाला

Wala taqfu ma laysa laka bihi 'ilmun inna alssam'a waalbasara waalfuada kullu olaika kana 'anhu masoolan (al-ʾIsrāʾ 17:36)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और जिस चीज़ का तुम्हें ज्ञान न हो उसके पीछे न लगो। निस्संदेह कान और आँख और दिल इनमें से प्रत्येक के विषय में पूछा जाएगा

English Sahih:

And do not pursue that of which you have no knowledge. Indeed, the hearing, the sight and the heart – about all those [one] will be questioned. ([17] Al-Isra : 36)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जिस चीज़ का कि तुम्हें यक़ीन न हो (ख्वाह मा ख्वाह) उसके पीछे न पड़ा करो (क्योंकि) कान और ऑंख और दिल इन सबकी (क़यामत के दिना यक़ीनन बाज़पुर्स होती है