هٰٓؤُلَاۤءِ قَوْمُنَا اتَّخَذُوْا مِنْ دُوْنِهٖٓ اٰلِهَةًۗ لَوْلَا يَأْتُوْنَ عَلَيْهِمْ بِسُلْطٰنٍۢ بَيِّنٍۗ فَمَنْ اَظْلَمُ مِمَّنِ افْتَرٰى عَلَى اللّٰهِ كَذِبًاۗ ( الكهف: ١٥ )
Haolai qawmuna ittakhathoo min doonihi alihatan lawla yatoona 'alayhim bisultanin bayyinin faman athlamu mimmani iftara 'ala Allahi kathiban (al-Kahf 18:15)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
ये हमारी क़ौम के लोग है, जिन्होंने उससे इतर कुछ अन्य पूज्य-प्रभु बना लिए है। आख़िर ये उनके हक़ में कोई स्पष्ट, प्रमाण क्यों नहीं लाते! भला उससे बढ़कर ज़ालिम कौन होगा जो झूठ घड़कर अल्लाह पर थोपे?
English Sahih:
These, our people, have taken besides Him deities. Why do they not bring for [worship of] them a clear evidence? And who is more unjust than one who invents about Allah a lie?" ([18] Al-Kahf : 15)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
अगर हम ऐसा करे तो यक़ीनन हमने अक़ल से दूर की बात कही (अफसोस एक) ये हमारी क़ौम के लोग हैं कि जिन्होनें ख़ुदा को छोड़कर (दूसरे) माबूद बनाए हैं (फिर) ये लोग उनके (माबूद होने) की कोई सरीही (खुली) दलील क्यों नहीं पेश करते और जो शख़्श ख़ुदा पर झूट बोहतान बाँधे उससे ज्यादा ज़ालिम और कौन होगा