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وَّكَانَ لَهٗ ثَمَرٌۚ فَقَالَ لِصَاحِبِهٖ وَهُوَ يُحَاوِرُهٗٓ اَنَا۠ اَكْثَرُ مِنْكَ مَالًا وَّاَعَزُّ نَفَرًا  ( الكهف: ٣٤ )

And was
وَكَانَ
और हुआ
for him
لَهُۥ
उसके लिए
fruit
ثَمَرٌ
फल
so he said
فَقَالَ
तो उसने कहा
to his companion
لِصَٰحِبِهِۦ
अपने साथी से
while he
وَهُوَ
जब कि वो
(was) talking with him
يُحَاوِرُهُۥٓ
वो उससे बात चीत कर रहा था
"I am
أَنَا۠
मैं
greater
أَكْثَرُ
ज़्यादा हूँ
than you
مِنكَ
तुझसे
(in) wealth
مَالًا
माल में
and stronger
وَأَعَزُّ
और ज़्यादा इज़्ज़त वाला हूँ
(in) men"
نَفَرًا
जत्थे में

Wakana lahu thamarun faqala lisahibihi wahuwa yuhawiruhu ana aktharu minka malan waa'azzu nafaran (al-Kahf 18:34)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उसे ख़ूब फल और पैदावार प्राप्त हुई। इसपर वह अपने साथी से, जबकि वह उससे बातचीत कर रहा था, कहने लगा, 'मैं तुझसे माल और दौलत में बढ़कर हूँ और मुझे जनशक्ति भी अधिक प्राप्त है।'

English Sahih:

And he had fruit, so he said to his companion while he was conversing with him, "I am greater than you in wealth and mightier in [numbers of] men." ([18] Al-Kahf : 34)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और उसे फल मिला तो अपने साथी से जो उससे बातें कर रहा था बोल उठा कि मै तो तुझसे माल में (भी) ज्यादा हूँ और जत्थे में भी बढ़ कर हूँ