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وَلَوْلَآ اِذْ دَخَلْتَ جَنَّتَكَ قُلْتَ مَا شَاۤءَ اللّٰهُ ۙ لَا قُوَّةَ اِلَّا بِاللّٰهِ ۚاِنْ تَرَنِ اَنَا۠ اَقَلَّ مِنْكَ مَالًا وَّوَلَدًاۚ   ( الكهف: ٣٩ )

And why (did you) not
وَلَوْلَآ
और क्यों ना
when
إِذْ
जब
you entered
دَخَلْتَ
दाख़िल हुआ तू
your garden
جَنَّتَكَ
अपने बाग़ में
say
قُلْتَ
कहा तूने
"What
مَا
जो
wills
شَآءَ
चाहा
Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
(there is) no
لَا
नहीं कोई क़ुव्वत
power
قُوَّةَ
नहीं कोई क़ुव्वत
except
إِلَّا
मगर
with Allah"
بِٱللَّهِۚ
अल्लाह की (तौफ़ीक़) से
If
إِن
अगर
you see
تَرَنِ
तू देखता है मुझे
me
أَنَا۠
कि मैं
lesser
أَقَلَّ
कमतर हूँ
than you
مِنكَ
तुझसे
(in) wealth
مَالًا
माल में
and children
وَوَلَدًا
और औलाद में

Walawla ith dakhalta jannataka qulta ma shaa Allahu la quwwata illa biAllahi in tarani ana aqalla minka malan wawaladan (al-Kahf 18:39)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और ऐसा क्यों न हुआ कि जब तूने अपने बाग़ में प्रवेश किया तो कहता, 'जो अल्लाह चाहे, बिना अल्लाह के कोई शक्ति नहीं?' यदि तू देखता है कि मैं धन और संतति में तुझसे कम हूँ,

English Sahih:

And why did you, when you entered your garden, not say, 'What Allah willed [has occurred]; there is no power except in Allah'? Although you see me less than you in wealth and children, ([18] Al-Kahf : 39)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जब तू अपने बाग़ में आया तो (ये) क्यों न कहा कि ये सब (माशा अल्लाह ख़ुदा ही के चाहने से हुआ है (मेरा कुछ भी नहीं क्योंकि) बग़ैर ख़ुदा की (मदद) के (किसी में) कुछ सकत नहीं अगर माल और औलाद की राह से तू मुझे कम समझता है